पटना : मोकामा विधायक अनंत सिंह अनंत मुश्किलों में फंसते जा रहे हैं। ये मुश्किलें उनके रसूख को तो ताक पर रख ही देंगी, उनकी 15 वर्षों की राजनीतिक यात्रा का अंत भी कर देंगी। कारण स्पष्ट है-प्रथम यह कि यूएपी धारा करीब-करीब सच होने जा रही है। दूसरे यह कि उनके तमाम करीबी अंडरवर्ल्ड के चेहरे उनसे दूर होने लगे हैं।
तैयारी शुरू, पटना पुलिस ने एकत्र किए सबूत
पुलिस के उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि मार्च 2020 तक स्पीडी ट्रायल पूरा हो जाएगा और अप्रैल-मई तक सजा भी मुकर्रर हो सकती है। हालांकि अनंत सिंह उच्चतम न्यायालय में भी फैसले को चुनौती दे सकते हैं। उस संभावित चुनौती के आलोक में पटना पुलिस ने कुछ ऐसे अकाट्य साक्ष्य जुटाये हैं, जिसका जवाब आईपीसी अथवा सीआरपीसी में शायद ही हो। मतलब, विधायक अनंत की राजनीतिक यात्रा तो समाप्त होगी ही, उनके रसूख पर भी लगाम लग जाएगी।
अब अनंत के करीबी अंडरवर्ल्ड के चेहरे भी कतराने लगे हैं
उनके खिलाफ मंगलवार को एएसपी लिपि सिंह द्वारा चार्जशरट जमा करने से साफ हो गया कि 4 हैंड ग्रेनेड और एके-47 विधायक अनंत सिंह के ही थे। भागलपुर सेंट्रल जेल में बंद अनंत के खिलाफ चार्जशीट जमा होने के तुरंत बाद एएसपी लिपि सिंह पटना के सीनियर एसपी को एक आवश्यक पत्र के माध्यम से यह सूचना देने वाली हैं कि वह कितना खुंखार अपराधी है। यह फील्ड में तैनात आईपीएस का विशेषाधिकार होता है जो पर्सनल आब्जेवशन रिपोर्ट होती है। यह विशेष स्थिति में अपराधी विषेश के लिए सौंपी जाती है।
पटना पुलिस ने ईडी और इनकम टैक्स से भी संपर्क साधा
विदित हो कि अनंत सिंह ने पुलिस को स्वीकारोक्ति बयान में कहा दिया है कि एके-47 उनकी ही है। उनके पास और भी एके-47 थी। उसमें उनके ही एक मित्र ने दो रायफलों समेत उनके दो करोड़ रूपया पचा गया। तब से उनकी मित्रता दुश्मनी में बदल गयी। पुलिस का कहना है कि आखिर एके-47 का जखीरा अनंत सिंह क्यों रखते हैं? उन्हें हैंड ग्रेनेड की क्या जरूरत? पुलिस ने यह भी माना है कि ये सब आतंकी क्रिया है। पुलिस ने यह भी सवाल उठाया है कि एके-47 की खेप उनके पास आती कहां से है?
आखिर एके-47 आती कहां से है?
बहरहाल, पुलिस उनके द्वारा जुटायी गयी अकूत दौलत का पता लगाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को भी लिखने वाली है। पुलिस का मानना है कि उनके पास सेंट्रल माॅल के अतिरिक्त बेनामी संपत्ति पटना सहित कई महानगरों में भी है। उसकी भी पड़ताल शुरू कर दी गयी है। जानकारी मिली है कि पुलिस ने इस संबंध में स्पेशल ब्रांच को लिखा है कि उनकी अवैध संपत्तियों का पता लगाये। वैसे, पटना पुलिस ने उनके द्वारा जमा की गयी अकूत संपत्ति की एक लिस्ट भी बनायी है। उसमें उनके रिश्तेदारों के भी नाम अंकित हैं। ऐसे में ईडी अथवा आयकर विभाग को बहुत मशक्कत नहीं करनी होगी।
बहरहाल, पटना पुलिस अनंत मामले का अंत तुरंत करना चाहती है। इसके लिए फुलप्रुफ तैयारी कर ली गयी है। उनके स्पीडी ट्रायल की सुनवाई वीडियो कान्र्फेंसिंग से संभव है। ताकि सुनवाई त्वरित हो। उन्हें भागलपुर से पटना लाने की जहमत पुलिस उठाना नहीं चाहती। कारण उसमें रिस्क भी है और समय की बर्बादी भी। पुलिस का ऐसा ही तर्क है। अगर मार्च-अप्रैल तक सजा मुकर्रर हो जाती है तो अनंत की 15 वर्षों की राजनीतिक यात्रा का अंत हो जाएगा।