नयी दिल्ली : केरल के वामपंथी मुख्यमंत्री पी विजयन सोना तस्करी में फंस गए हैं। उनके प्रधान सचिव पर विदेश से 30 किलो सोना लाने वाले तस्करों की मदद का आरोप लगा है। भाजपा ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री की भूमिका की जांच की मांग की है और उनका इस्तीफा मांगा है। मामले के तूल पकड़ने के बाद मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को हटा दिया गया है। इसके अलावा कई वरीय अफसरों पर भी कार्रवाई की गाज गिरी है। माना जाता है कि ये सभी अफसर सीएम के काफी करीबी हैं।
सोना तस्करी का क्या है पूरा मामला
रविवार को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीमा शुल्क अधिकारियों ने भारी मात्रा में सोना बरामद किया था। यह सोना यूएई के वाणिज्य दूतावास के लिए आए बैगों में भरा हुआ था। हवाई अड्डे के सूत्रों ने बताया कि सोना शौचालयों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों से भरे बैग में रखा हुआ था। तस्करी के आरोप में यूएई के वाणिज्य दूतावास के एक पूर्व कर्मचारी को हिरासत में लिया गया। खबर है कि इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने सोना लाने वाले यूएई वाणिज्य दूतावास के इस पूर्व कर्मचारी की मदद करने की कोशिश की थी।
पोल खुलने के बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई
इधर केरल सरकार ने तस्करी केस में नाम आने की वजह से सूचना प्रौद्योगिकी सचिव और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एम शिवशंकर का तबादला कर दिया। सरकार ने इस केस में आरोपी सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार स्वपना सुरेश की सेवा समाप्त कर दी। सूचना प्रौद्योगिकी सचिव के बारे में कहा जाता है कि वह सीएम के प्रधान सचिव की काफी करीबी हैं और अभी फरार चल रही हैं।
भाजपा ने मांगा इस्तीफा, हो सीबीआई जांच
भाजपा ने आरोप लगाया है कि राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी और आयकर सचिव 30 किलोग्राम सोने की तस्करी में शामिल हैं। आयकर विभाग मुख्यमंत्री के पास है और उसके अगुवा विजयन के प्रधान सचिव एम शिवशंकर थे। साफ है कि मुख्यमंत्री कार्यालय ‘अपराधियों का अड्डा’ बन गया है। भाजपा प्रमुख के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि सीमाशुल्क अधिकारियों को इस जब्ती के शीघ्र बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन आया था। ऐसे में सीएम मामले से सीधे—सीधे जुड़ते हैं और उन्हें इस्तीफा देकर सीबीआई से जांच का आदेश देना चाहिए।