पटना : पत्रकारिता एक बौद्धिक कर्म है, जिसमें शुद्धि के साथ-साथ वैचारिक शुद्धि का भी महत्व है। ब्रेकिंग न्यूज़ की महत्ता ने इसकी शुद्धि को धूमिल किया है। उक्त बातें वरिष्ठ पत्रकार कुमार दिनेश ने कहीं। वे रविवार को दिवंगत पत्रकार रविरंजन सिन्हा की स्मृति सभा में अपने उद्गार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पत्रकार की पहचान उसके लेखन से होती है और आज दिवंगत पत्रकार रवि रंजन सिन्हा जी को श्रद्धांजलि देकर असल में हम पत्रकारिता के पितृ दोष से मुक्त हो रहे हैं और पितृ ऋण अर्पित कर रहे हैं। उनको श्रद्धांजलि देकर खुद को पवित्र कर रहे हैं, यह किसी पर एहसान नहीं है। यह दुख की बात है कि इतने बड़े पत्रकार के देहावसान के बाद बिहार के किसी पत्रकार संगठन ने उनको सार्वजनिक रूप से श्रद्धांजलि देना मुनासिब समझा।
इस अवसर पर उन्होंने प्रस्ताव रखा कि रवि रंजन सिन्हा के आलेखों का संग्रह कर एक स्मारिका के रूप में प्रकाशित कराया जाए जिससे भावी पत्रकारों को काफी कुछ सीखने के लिए प्राप्त हो सकेगा।
वरिष्ठ पत्रकार मणिकांत ठाकुर ने रवि रंजन सिन्हा को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा नए पत्रकारों को प्रोत्साहित करते थे, खासकर सवाल करने में और विषम परिस्थितियों में भी डटे रहने को लेकर हौसला बढ़ाते थे।
वरिष्ठ पत्रकार ने बागी ने कहा कि रवि रंजन सिन्हा की खासियत थी कि वह राजनीतिक विचारधारा से परे जाकर तथ्यों को लिखते थे और विपरीत विचारधारा से भी जनहित के लिए बातें निकाल कर प्रस्तुत करते थे। इस आलोक में देखें, तो वे सही अर्थों में निष्पक्ष पत्रकार थे।
पटना विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेश्वर सती प्रसाद ने रवि रंजन सिन्हा को अपना गुरु बताते हुए कहा कि वे लेखन शैली पर जोर देते थे। तथ्यों को निष्पक्ष रूप से लिखने के अलावा वे मानते थे कि भाषा भी उत्कृष्ट होनी चाहिए।
इस अवसर पर रवि रंजन सिन्हा के भतीजे डॉ अमिताभ गौरव उनके व्यक्तित्व को याद किया और पत्रकार ये जीवन से अलग एक व्यक्ति के रूप में रवि रंजन सिन्हा के बारे में प्रकाश डाला।
इससे पूर्व स्मृति सभा कार्यक्रम के आरंभ में विश्व संवाद केंद्र के संपादक संजीव कुमार ने रवि रंजन सिन्हा से जुड़े संस्मरण ओं को सुनाते हुए उनके पत्रकार यह जीवन का वर्णन किया। आरंभ में उपस्थित लोगों ने रविरंजन सिन्हा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कृष्ण कांत ओझा ने वैदिक ऋचाओं का पाठ कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी। अंत में एक मिनट का मौन रखकर उपस्थित लोगों ने शोक व्यक्त किया एवं उनके परिजनों को इस दु:ख से उबरने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। विश्व संवाद केंद्र के न्यासी सुधीर नारायण ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर पटना के विभिन्न अखबार, टीवी न्यूज़ चैनल, पत्रिका, पोर्टल से जुड़े तथा पटना विवि, पाटलिपुत्र विवि के शिक्षक, रंगकर्मी, फिल्मकार, विद्यार्थी आदि उपस्थित थे।