सिपाही से उठ-बैठ कराने वाले अफसर को बिहार सरकार ने दिया प्रमोशन
अररिया/पटना : बिहार सरकार ने कोरोना लॉकडाउन तोड़ने और इससे रोकने पर सिपाही से उठक—बैठक करवाने वाले अफसर को प्रमोट कर दिया है। अररिया का यह कृषि पदाधिकारी पिछले दिनों तब सुर्खियों में आया था जब उसने लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी पर तैनात सिपाही से सरेआम उसे रोकने के लिए बीच सड़क उठक-बैठक लगवाई थी। इसका वीडियो वायरल होने के बाद काफी हंगामा मच गया था।
लॉकडाउन तोड़ने के मामले में आरोपी है अफसर
अब सिपाही से बदसलूकी करने वाले अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार को बिहार सरकार ने स्थानांतरण के साथ ही पदोन्नति का गिफ्ट दिया है। उनका वहां से तबादला तो कर दिया गया लेकिन प्रमोशन के साथ। कोरोना योद्धाओं के मनोबल गिराने वाले बिहार सरकार के इस कृत्य की चौतरफा निंदा शुरू हो गई है।
जांच के नाम पर खानपूर्ति, सरकार की मंशा पर सवाल
बिहार सरकार ने सिपाही से बदसलूकी के मामले में जांच तो कराई लेकिन जांच के नाम पर कुछ खास नहीं हुआ। एक पुलिसवाले के साथ गलत व्यवहार करने वाले इस अधिकारी पर कार्रवाई करने की बजाय सरकार की मेहरबानी और प्रमोशन मिलने से सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्म पर लोग सरकार की मंशा पर सवाल कर रहे हैं।
क्या है कृषि पदाधिकारी के लिए सरकार की अधिसूचना
जारी अधिसूचना के मुताबिक अररिया के जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार का स्थानांतरण उपनिदेशक (प्रशिक्षण कार्यालय) अपर कृषि निदेशक प्रसार पटना के पद पर किया गया है। साफ है कि मनोज कुमार अररिया में जिला कृषि पदाधिकारी के पद पर कार्यरत थे। लेकिन वहां से उनका प्रमोशन करते हुए सीधे उपनिदेशक यानी डिप्टी डायरेक्टर बनाकर पटना भेज दिया गया है।