सिन्हा का खुलासा, भ्रष्टाचार का पिटारा बना नीतीश सरकार का कौशल विकास योजना
पटना : बिहार में सत्ता कि कुर्सी से बेदखल होने के उपरांत भाजपा द्वारा इस नई- नवेली सरकार पर अलग – अलग तरीके का आरोप लगाया जा रहा है। इसी कड़ी में अब बिहार भाजपा द्वारा विधानमंडल नेता या फिर राज्य के नेता विपक्ष विजय कुमार सिन्हा द्वारा नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोला गया है और नीतीश कुमार को भ्रष्टाचारी का सरदार भी कहा गया है।
इस तारीख को लाया गया था बिहार विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
दरअसल, शनिवार को बिहार भाजपा के प्रदेश ऑफिस में पत्रकार वार्ता करते हुए बिहार के नेता विपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कौशल विकास योजना में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा किया। इसके साथ ही नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 19 मार्च 2021 को बिहार विधानसभा में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें उल्लेख किया गया था कि बिहार कौशल विकास मिशन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2016 से युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए नॉलेज पार्टनर के रूप में एमकेसीएल पुणे का चयन किया गया है और इस कंपनी को प्रशिक्षण के बाद युवाओं को रोजगार की जानकारी के लिए प्लेसमेंट पोर्टल का प्रावधान करना था, लेकिन कंपनी की तरफ से 3 वर्ष तक प्लेसमेंट पोर्टल की व्यवस्था नहीं की गई।
इसके इतर कंपनी ने सरकार के करोड़ों रुपए लिए, इसके बाद जब काफी हंगामा हुआ तो जनवरी 2020 में पोर्टल खोला गया। जिसके बाद कंपनी द्वारा गलत सुचना देकर और पदाधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि का गबन किया गया। इन 5 वर्षों में मात्र 10 से 20% छात्रों को ही प्रशिक्षित किया गया। जबकि केवाईपी सेंटर को प्रशिक्षण पूर्ण करने पर भुगतान किया जाता है।
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि सरकारी आदेश के बावजूद प्लेसमेंट पोर्टल के लिए गलत ढंग से प्राप्त राशि की वसूली एमकेसीएल से नहीं किया गया है। सिन्हा ने सरकर से यह मांग कि है कि एमकेसीएल द्वारा गलत तरीके से बिना काम किए ही गलत ढंग से प्राप्त राशि की वसूली करने उसे काली सूची में डालने और इसके लिए दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर उस विशेष कमिटि की रिपोर्ट सदन में पेश नहीं किया। हमलोगों ने सदन में मामला भी उठाया, इसके बाद भी घोटाले की रिपोर्ट सदन में पेश नहीं की गई।