कुश का लव के साथ आने से ‘सिंह’ नाराज, कुश ने कहा- साथ आना एकमात्र विकल्प
पटना : उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का आज जदयू में विलय हो जाएगा। इस बात की उन्होंने खुद औपचारिक घोषणा भी कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में उपेंद्र कुशवाहा जदयू का दामन थामेंगे। इस दौरान सबसे बड़ी बात यह है की इतने बड़े विलय समारोह में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह अनुपस्थित रहेंगे।
वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुपस्थिति को लेकर पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि इस विलय से वह नाराज हैं इसलिए उन्होंने खुद को इस मिलन कार्यक्रम से अलग रखने का निर्णय लिया है।
दरअसल,आरसीपी सिंह रालोसपा के विलय के पक्ष में नहीं थे। इसी वजह से कुशवाहा के जेडीयू में शामिल होने का मसला पिछले 2 महीनों से टल रहा था। लेकिन वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार उनको अपने साथ मिलाने का दबाव डाल रहे थे। ऐसे में आरसीपी सिंह के पास विकल्प कुछ नजर नहीं आ रहा था इसलिए उन्होंने खुद को इस मिलन समारोह क्यों रखना ही उचित समझा।
बिहार की राजनीति में बनेंगे ज्यादा सशक्त
वहीं दूसरी तरफ रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनके पास मात्र एक विकल्प ही बचा था इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया। साथ ही उन्होंने कहा कि रालोसपा का जदयू में विलय से ना केवल हमारा संघर्ष मजबूत होगा बल्कि बिहार की राजनीति में हम और ज्यादा सशक्त बनेंगे।
कुशवाह ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे में जनता ने नीतीश कुमार को एक बार फिर से सूबे का मुख्यमंत्री चुना इसलिए उन्होंने और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सभी सदस्यों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार करते हुए पार्टी का जनता दल यूनाइटेड में विलय करने का फैसला किया है।
बहरहाल , देखना यह है कि लव कुश समीकरण से नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को कितना फायदा मिलता है और इस विलय से नाराज आरसीपी सिंह को पार्टी किस प्रकार मनाती है।