नयी दिल्ली : नवजोत सिंह सिद्धू अब पंजाब की राजनीति राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ले आये। यहां उन्होंने आम आदमी पार्टी पर सीधा हमला बोला। आज रविवार को वे सीएम केजरीवाल के घर के बाहर गेस्ट शिक्षकों की नौकरी स्थायी करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। केजरीवाल के घर के बाहर उनका धरना अभी जारी है। इसबीच सिद्धू ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर दिल्ली के शिक्षा मॉडल और केजरीवाल सरकार पर भी अटैक किया। सिद्धू के इस कदम को आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
गेस्ट शिक्षकों का मुद्दा उठाते हुए तंज
इस दौरान सिद्धू ने कहा कि यहां 22,000 गेस्ट टीचर मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं। जबकि केजरीवाल चुनावी लाभा के लिए पंजाब जाकर वहां के टीचरों को इसी मुद्दे पर बरगलाने का काम करते हैं। यह एक व्यक्ति के अपने राज्य में कुछ और और दूसरे राज्य में कुछ और नजरिया रखने का महज ढोंग नहीं तो फिर क्या है? सिद्धू ने पिछले महीने पंजाब के मोहाली में कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए केजरीवाल की खिंचाई भी की। उन्होंने कहा कि पंजाब में लोगों को लुभाने के लिए आने से पहले आपको पहले अपने राज्य के मुद्दों को सुलझाना चाहिए।
क्या—क्या हैं सिद्धू के केजरीवाल पर आरोप
सिद्धू ने अपने ट्वीट में लिखा कि केजरीवान ने संविदा शिक्षकों को स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन देने का वादा किया था। लेकिन गेस्ट टीचरों के होने से स्थिति और खराब हो गई। स्कूल प्रबंधन समितियों के माध्यम से, तथाकथित आम आदमी पार्टी के वॉलंटियर्स सरकारी फंड से सालाना 5 लाख कमाते हैं, जो पहले स्कूल के विकास के लिए थे!
दिल्ली सरकार में 1031 स्कूल हैं, जबकि केवल 196 स्कूलों में प्रधानाध्यापक हैं। 45% शिक्षकों के पद खाली हैं और 22,000 गेस्ट टीचर्स द्वारा डेली वेजिस पर स्कूल चलाए जा रहे हैं, वह भी हर 15 दिनों में कॉन्ट्रैक्ट के रिन्यूवल के साथ। यही नहीं, दिल्ली की बेरोजगारी दर पिछले 5 सालों में लगभग 5 गुना बढ़ गई है। 2015 में दिल्ली में शिक्षकों के 12,515 पद खाली थे, लेकिन 2021 में दिल्ली में शिक्षकों की 19,907 पद रिक्त हैं, जबकि ‘आप’ सरकार गेस्ट लेक्चरर्स के माध्यम से रिक्त पदों को भर रही है।