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सुशांत का पैसा और रिया की ऐश, ईडी की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे

नयी दिल्ली/मुंबई : सीबीआई ने तो अपनी जांच अभी शुरू ही की है, लेकिन उससे पहले ही ईडी की पूछताछ से रिया और उसे बचाने वालों के पसीने छूटने लगे हैं। सुशांत की डेथ मिस्ट्री में वित्तीय हेराफेरी को लेकर रिया से हो रही ईडी की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अब साफ नजर आने लगा है कि सुशांत के पैसों से रिया और उसका परिवार ऐश कर रहा था। इसके साथ ही रिया चक्रवर्ती इस केस में बुरी तरह फंसी हुई नजर आ रही है। ईडी के कई सवालों का जवाब देने में वह अभी भी आनाकानी कर रही है।

सुशांत सिंह राजपूत केस में प्रवर्तन निदेशालय की रिया चक्रवर्ती से पूछताछ में वित्तीय हेराफेरी के कई अहम खुलासे हुए। रिया के करतूतों का आगाज सुशांत के बैंक खाते से करीब 15 करोड़ रुपए की हेराफेरी से शुरू हुई थी। इस हेराफेरी की आंच अब रिया और सुशांत के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स तक जा पहुंची है।

पूछताछ में रिया ने ईडी की टीम को बताया कि सुशांत की कंपनी का लेखा जोखा रखने वाले दो चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के नाम मार्च में खत्म हुए वित्तीय वर्ष के दरम्यान करीब दो करोड़ 65 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। सूत्रों के मुताबिक सुशांत ने अपनी बड़ी बहन के नाम साढ़े चार करोड़ रुपए फिक्स डिपॉजिट कराए थे लेकिन रिया के सुशांत की ज़िंदगी में आने के बाद दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने रिया और उसके भाई की मिलीभगत से ढाई करोड़ रुपए पार करा दिए। यानी सुशांत की बहन वाला फिक्स डिपॉजिट दो करोड़ ही रह गया।

इसके अलावा भी सुशांत की कंपनी के हिसाब किताब, बैंक खातों और जमा रकम के गणित में कई संदिग्ध लेनदेन के सुराग ईडी को मिले हैं लेकिन रिया इस बाबत सवालों का सही जवाब देने में काफी ढुल मुल रवैया अपना रही है। ऐसे में यह शक पुख्ता होता जा रहा है कि सुशांत की मौत कहीं इसी हेराफेरी का नतीजा तो नहीं। सुशांत के पिता ने भी अपने बयान में कहा था कि मेरे बेटे के एक बैंक स्टेटमेंट से पता चला कि उस बैंक के खाते में 17 करोड़ रुपए थे। पिछले 1 साल में 15 करोड़ निकाले गए हैं। जिन जगहों पर यह पैसे ट्रांसफर हुए, उनका मेरे बेटे से कोई लेना-देना नहीं था। सुशांत के इन खातों और क्रेडिट कार्ड से कितना पैसा रिया ने अपने परिवार और सहयोगियों के साथ धोखेबाजी से निकाला, इसकी जांच होनी चाहिए। इस मामले में अब मुंबई पुलिस पर भी गंभीर सवाल खड़े होने लगे हैं। इतना अहम मुद्दा और सबूत, उन्होंने अनदेखा क्यों किया।