सदन की स्थिति देख लगने लगे सरकार गिरने के कयास, फिर यूं पलटा मामला

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पटना : बिहार विधानसभा में कल के अप्रत्याशित घटना के बाद आज सदन हर तरह से नेतृत्वविहीन दिखा। सदन तो शुरू हुआ लेकिन, हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित हो गई। मध्यावकाश के बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई और हंगामे के थोड़ी देर बाद कार्यवाही पुनः स्थगित हो गई। इस दौरान सदन का संचालन भाजपा के वरिष्ठ नेता और गया से विधायक प्रेम कुमार कर रहे थे। आज दिन भर सदन के अंदर न ही विधानसभा अध्यक्ष दिखे, न सदन के नेता और न ही नेता प्रतिपक्ष।

कार्यवाही के दौरान सत्तारूढ़ दल की ओर सबकी नजरें थी। नजरें सत्ता पक्ष के तरफ इसलिए थी क्योंकि अभी मौजूदा सरकार में भारतीय जनता पार्टी एनडीए घटक का सबसे बड़ा दल है और कार्यवाही के दौरान भाजपा का कोई भी नेता सदन के अंदर मौजूद नहीं था। भाजपा कोटे के मंत्रियों की गैरमौजूदगी के बाद सदन में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई।

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मंत्रियों के पहुंचते ही सरकार गिरने की अटकलों पर लगा विराम

विधानमंडल में मौजूद पत्रकारों और विधायकों के बीच सरकार गिरने की अफवाह तेजी से फैलने लगी। विधानसभा अध्यक्ष अपने कक्ष में मौजूद थे, विशेषाधिकार समिति की बैठक होनी थी, समिति के सभी सदस्य कक्ष में पहुंचे। इसके बाद अध्यक्ष सभी को नमस्कार कर अपने निजी कक्ष में चले गए, बैठक नहीं हुई। यह सूचना बहुत तेजी से बाहर निकली। जब यह अफवाह NDA नेताओं तक पहुंची, तब स्थगन के बाद सदन का सत्र पुनः शुरू हुआ। इस बार भाजपा कोटे से मंत्री भी सदन में थे। भाजपा कोटे के मंत्रियों के सदन में पहुंचते ही सरकार गिरने की अटकलों पर विराम लग गया। सदन में नितिन नवीन, आलोक रंजन झा, अमरेंद्र सिंह समेत कई मंत्री शामिल हुए।

बहरहाल, अभी भी स्पीकर और मुख्यमंत्री के बीच का विवाद नहीं सुलझा है। दोनों दल के नेता बैठक कर रहे हैं। भाजपा आलाकमान भी स्थिति पर नजर बनाए हुई है।

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