बाबा के तूफान के आगे लेट गए शिवानंद, RJD नेता का चौंकाने वाला बयान
पटना : बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धरेंद्र शास्त्री पटना के नौबतपुर में हनुमंत कथा कहकर लौट चुके हैं। लेकिन उनके दौरे को को बिहार भर से मिले जबर्दस्त समर्थन ने राज्य की सियासत को बुरी तरह झकझोर डाला है। बाबा के कार्यक्रम का खुलकर विरोध करने वाले राजद के ही वरिष्ठ नेता और पार्टी थिंक टैंक के मजबूत स्तंभ शिवानंद तिवारी ने एक ऐसी बात कही है, जिसने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है।
बाबा के बिहार दौरे से महागठबंधन में घबराहट
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तिवारी ने बयान देते हुए कहा कि लालू और नीतीश भले संविधान बचाओ का शोर मचाते रहें, लेकिन बाबा बागेश्वर बिहार आकर अपना काम कर गए हैं। पटना में हनुमंत कथा के दौरान अपने एक वाक्य से पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बिहार के पांच करोड़ लोगों को अपने खेमे में बहाल कर लिया है। यह बिहार महागठबंधन के नेताओं के लिए एस खतरे की घंटी की तरह है क्योंकि भाजपा बागेश्वर बाबा को आगे रखकर जनमानस में तेजी से पैठ बढ़ाने का काम शुरू कर चुकी है।
बिहार के नेताओं की चूक और बाबा की दक्षिणा
बागेश्वर बाबा के पटना में कार्यक्रम का ऐलान होते ही महागठबंधन के नेता धीरेंद्र शास्त्री पर बिना सोचे समझे बयान देने लगे, उनके पोस्टर फटने लगे। उन्होंने सीधे आरोप लगाया कि वे बीजेपी के एजेंट हैं और हिंदू-मुस्लिम करते हैं। लेकिन जब पटना आने के बाद बाबा बागेश्वर ने कथा में दक्षिणा मांगते हुए यहां की जनता से कहा कि बिहार के 10-12 करोड़ लोगों में से अगर पांच करोड़ लोग ही अपने-अपने घर के बाहर धर्म का ध्वज फहराएं और माथे पर तिलक लगा लें तो हमारा रामराज का उद्देश्य पूरा हो जाएगा।
आमलोगों की दीवानगी ने दे दी टेंशन
बाबा के ऐसा कहते ही बाबा के दरबार में मौजूद करीब 10 लाख लोगों ने समर्थन में हाथ उठा लिये। यही वह पल था, जिसने महागठबंधन को बेचैन कर दिया। दरअसल महागठबंधन का बेस वोटबैंक जाति पर आधारित है। जबकि बाबा की मुहिम जाति के बंधन का निषेध कर हिंदू एकता की बात करने वाला है। यानी जाति फैक्टर पर ही यह एक बड़ी चोट होगी जो इसके आधार पर खड़ी राजनीतिक पार्टियों की खाट खड़ी कर देगा। यही कारण है कि बाबा के महज पांच दिन के दौरे ने बिहार के नेताओं को सरेंडर मोड में ला दिया।