हनुमान चालीसा विवाद पर सत्ता के लिए अपने ही बुने ‘हिंदुत्व जाल’ में फंस गई शिवसेना
नयी दिल्ली : महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली उद्धव सरकार सत्ता की लालच में अपने धूर विरोधियों से भी हाथ मिलाने के बाद अब अपने ही बिछाए हिंदुत्व वाले जाल में फंस गई है। नतीजा यह कि एक तरफ सत्ता का लोभ तो दूसरी तरफ अपने अहम वोट बैंक के जाने का खतरा। मुंबई में निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के हनमान चालीसा वाले मुद्दे पर उद्धव सरकार पसोपेश में है। जबकि समूचे महाराष्ट्र में यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
उद्धव सरकार की घटक कांग्रेस जहां इस मामले में तटस्थ है, वहीं वंचित बहुजन अगाड़ी के प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि शिवसेना बीजेपी, एनसीपी तथा खुद की चालबाजियों में फंस गई है। हनुमान चालीसा और अजान विवाद ने उद्धव ठाकरे की छवि को पूरे महाराष्ट्र में खराब करना शुरू कर दिया है। निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति को अरेस्ट करने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मचा हुआ है और दोनों को वहां जबर्दस्त सहानुभूति मिल रही है। अगर राणा दंपत्ति मातोश्री के बाहर जाकर हनुमान चालीसा पढ़ भी लेते तो क्या था। सारा विवाद 10 मिनट में खत्म हो जाता। किसी को पता भी न चलता। लेकिन अब बैठे बिठाए नवनीत और उनके पति को बेवजह की शोहरत मिल गई। आज पूरे महाराष्ट्र में हर तरफ नवनीत राणा और हनुमान चालीसा की चर्चा है। हालांकि, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार इसे बेवजह का मुद्दा मानते हैं। उनका कहना है कि लोग समझदार हैं और वो सूबे को विकास से हटाकर सांप्रदायिकता की आग में नहीं झोंकने वाले। लोग समझते हैं कि ये बीजेपी की साजिश है।
ध्यान रहे कि महाराष्ट्र में लगातार गरमाते लाउडस्पीकर मामले ने उद्धव सरकार की नाक में दम कर रखा है। पहले मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा को लेकर उद्धव सरकार को चेतावनी दी और अब एक और विधायक ने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाने को लेकर उद्धव सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र के निर्दलीय विधायक रवि राणा,और उनकी सांसद पत्नी ने 23 अप्रैल को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही थी। लेकिन इससे पहले ही वो अरेस्ट हो गए।