पटना : नियोजित शिक्षकों की हड़ताल के मुद्दे पर आज बजट सत्र के तीसरे दिन विधानसभा में जमकर बवाल हुआ और सदन की कार्यवाही महज 23 मिनट चलने के बाद भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्ष ने हड़ताली नियोजित शिक्षकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए चर्चा की मांग उठाई। कुल 23 मिनट सदन चला और हंगामे के कारण इसे रोकना पड़ा।
वेल में नारेबाजी, कार्यवाही स्थगित
इस दौरान राजद, कांग्रेस और सीपीआई एमएल के सदस्यों ने वेल में आकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस बीच कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह, राजद के ललित कुमार यादव, सीपीआई एमएल के महबूब आलम समेत विपक्ष के सात सदस्यों ने शिक्षक हड़ताल को लेकर कार्यस्थगन की सूचना दी, जिसे स्पीकर ने नामंजूर कर दिया।
विपक्ष प्रश्नकाल रोककर सरकार से शिक्षकों की मांगों पर जवाब चाह रहा था। उधर ललन पासवान और समीर कुमार महासेठ ने अपनी सूचना पढ़ी, लेकिन हंगामे के चलते यह पता नहीं चला कि वे क्या बोल रहे हैं। विपक्ष के विधायक लगातार शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन देने की मांग कर रहे थे।
विधान परिषद में राबड़ी ने मांगा इस्तीफा
शिक्षकों की हड़ताल को लेकर आज विधान परिषद पोर्टिको में विपक्ष ने हंगामा किया। राजद और कांग्रेस के विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और शिक्षा मंत्री से इस्तीफा मांगा। विपक्ष के इस विरोध में पूर्व सीएम राबड़ी देवी भी शामिल हुईं। उन्होंने शिक्षकों की मांग को जायज बताते हुए कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था चौपट हो चुकी है।
राबड़ी ने कहा कि शिक्षा मंत्री को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देना चाहिए और सरकार को शिक्षकों से बात करनी चाहिए।