पटना : विधानसभा में आज मंगलवार को शिक्षक नियोजन में हो रही देरी तथा मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत के अलग—अलग मामलों को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया। सदन शुरू होने से पहले ही विस परिसर में जहां चमकी बुखार पर जमकर नारेबाजी हुई वहीं आज जैसे ही सदन की बैठक शुरू हुई, शिक्षकों की कमी को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर शोरगुल शुरू हो गया। इसके बाद राज्य के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने जवाब देते हुए आश्वासन दिया कि नवंबर माह तक नए शिक्षकों की बहाली कर ली जाएगी।
चमकी पर नीतीश—मंगल के खिलाफ नारेबाजी
आज सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले विपक्ष के विधायक बैनर-पोस्टर लेकर विधानमंडल पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विपक्ष का कहना है कि जब तक स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय इस्तीफा नहीं देते, विरोध जारी रहेगा। अगर स्वास्थ्य मंत्री इस्तीफा नहीं देते तो सीएम नीतीश कुमार इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दें।
इसपर सत्तापक्ष के विधायकों ने कहा कि मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत को रोकने के लिए जितने कदम उठाए जा सकते थे, उठाए गए। विपक्ष के नेता बच्चों की मौत पर राजनीति कर रहे हैं। अगर बच्चों की इतनी ही चिंता थी तो तेजस्वी अब तक पीड़ित परिवार से मिलने क्यों नहीं गए?
शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया नवंबर तक पूरी होगी
जानकारी के अनुसार, प्रश्नकाल में रघुनाथपुर के राजद विधायक हरिशंकर यादव ने अपने क्षेत्र के एक स्कूल का मामला उठाया जहां छात्र हैं लेकिन शिक्षक एक भी नहीं। जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद अब राज्य सरकार ने शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसपर विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। फिर विधानसभाध्यक्ष ने शिक्षा मंत्री से कहा कि नियोजन प्रक्रिया की समय सीमा पर सदन में स्पष्ट जवाब दें।
जब मंत्री ने कहा कि नवंबर तक हर हाल में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, तब राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि सदन की एक कमिटी बनाकर शिक्षक नियोजन प्रक्रिया की वास्तविक स्थिति की समीक्षा होनी चाहिए। छात्रों को पुस्तक उपल्बध कराने के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के 70 प्रतिशत छात्रों को पुस्तक उपलब्ध करा दिया गया है। अन्य को भी जल्द पुस्तक उपलब्ध हो जाएगा।