Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured बिहार अपडेट शिक्षा

शिक्षक का विकल्प टेक्नोलॉजी नहीं हो सकता- दिलीप कुमार झा

शिक्षक की भूमिका छात्रों की रूचि को जगाना है। छात्र कक्षा-कक्ष में सबसे अधिक ऑंखों के माध्यम से सीखते हैं। शिक्षक का विकल्प तकनीक नहीं हो सकता है। शिक्षण को प्रभावशाली बनाने के लिए कक्षा-कक्ष में अधिक से अधिक शिक्षण सहायक सामग्री का उपयोग करें। उक्त बातें वरिष्ठ माध्यमिक सरस्वती विद्या मंदिर, मुंगेर में भारती शिक्षा समिति, बिहार के तत्त्वावधान में आयोजित त्रिदिवसीय आचार्य कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में पूर्व क्षेत्रीय सचिव दिलीप कुमार झा ने आचार्यों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य विगत सत्र के कार्यक्रमों की समीक्षा एवं छात्रों के विकास को ध्यान में रखकर आगामी सत्र को प्रभावी एवं उपलब्धिपरक बनाने के लिए अच्छी, संतुलित एवं समीचीन कार्य योजना का निर्माण करना है जिससे छात्र लाभान्वित हो सके। सफल कार्ययोजना के निर्माण में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया एवं मूल्यांकन में बरती जाने वाली सावधानियों की विस्तृत चर्चा उन्होनें की।

इसके पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ वंदना सभा में मुख्य अतिथि पूर्व क्षेत्रीय सचिव, विद्या भारती के दिलीप कुमार झा, विभाग प्रमुख राजेश कुमार रंजन, विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष अमरनाथ केशरी, सचिव सरोज कुमारी, सदस्य रामनरेश पांडेय एवं प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह ने संयुक्तरुप से दीप प्रज्वलित कर किया।

द्वितीय सत्र में प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह द्वारा नवीन सत्र के लिए कक्षाचार्यों की घोषणा, आचार्य भारती का गठन, प्रांतीय विभागीय तथा संकुलीय कार्य-योजना, विद्यालय के शैक्षिक पंचांग तथा बालिका खंड की प्रधानाचार्या कीर्ति रश्मि द्वारा कक्षाचार्यों की भूमिका, पर विस्तृत जानकारी दी गई। वहीं तृतीय सत्र में विद्यालय अनुशासन विषय पर चंद्रशेखर कुमार एवं पुस्तकालय की व्यवस्थितता एवं उपयोग विषय पर चित्रा मिश्रा ने अपने विचार रखे।

चतुर्थ सत्र में समस्त विषयाचार्यों द्वारा शिक्षण सहायक सामग्री का निर्माण एवं प्रदर्शन किया गया जिसमें आचार्य नवनीत चंद्र मोहन गणित, गोपाल कृष्ण विज्ञान, कार्तिक प्रसाद साह सामाजिक विज्ञान, चंद्र प्रकाश झा संस्कृत, सिद्धनाथ पांडेय अंग्रेजी, रजनी सिन्हा हिंदी, अमृता चौधरी संगणक एंव शिषु मंदिर के प्रभारी प्रधानाचार्य अविनाश कुमार ने शिशु परिसर के समस्त आचार्यों का मार्गदर्शन किया। शिक्षण सहायक सामग्री का अवलोकन अधिकारियों द्वारा किया गया साथ ही अधिकारियों ने आचार्यो द्वारा बनाए गए मॉडल, चार्ट की सराहना की।