नयी दिल्ली : बहुचर्चित मुजफ्फरपुर महापाप मामले में सीबीआई ने खुलासा किया है कि वहां शेल्टर होम और श्मशान घाट की खुदाई में जो नरकंकाल मिला था वह किसी लड़की या बच्ची का नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में सीबीआई का दावा है कि किसी लड़की की हत्या शेल्टर होम में नहीं हुई। जो कंकाल और हड्डियां मिलीं, वो बालिग लोगों की थी। सीबीआई को जांच में शेल्टर होम में हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है।
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बकौल सीबीआई जिनकी हत्या होने का शक था, वो सभी 35 लड़कियां जीवित मिली हैं। इस खुलासे के बाद यह साफ हो गया है कि बालगृह मामले में लड़कियों के सिर्फ शारीरिक शोषण की बात ही सत्य है। उनकी हत्या और शव को शेल्टर होम में ही दफन करने की बात महज अटकलबाजी ही थी।
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बुधवार को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह समेत सभी 17 शेल्टर होम की जांच पूरी हो गई है। मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में किसी लड़की की हत्या नहीं हुई। श्मशान घाट से जो मानव कंकाल मिला था वह भी नाबालिग कैदी का नहीं था। बालिका गृह में रह रहीं सभी 35 लड़कियों को जीवित पाया गया है।
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पीड़ित लड़कियों ने आरोप लगाया था कि बालिका गृह की लड़कियों की हत्या की गई थी। लड़कियों के आरोप पर बालिका गृह कैंपस में खुदाई की गई थी, लेकिन कंकाल नहीं मिला था। सीबीआई की निगरानी में मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर स्थित मुक्तिधाम श्मशान घाट में खुदाई की गई थी। वहां से मानव कंकाल मिला था। वह मानव कंकाल बालिका गृह के किसी व्यक्ति का बताया जा रहा था। अब इस मामले में 14 जनवरी को कोर्ट फैसला सुना सकती है। इसमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित कुल 20 आरोपी हैं।