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साहित्य में नई परंपरा गढ़ने वाले उपन्यासकार शत्रुघ्न बाबू …

पटना: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दक्षिण बिहार प्रान्त के पूर्व संघचालक, ऐतिहासिक विषयों के उपन्यासकर व वर्तमान में प्रज्ञा प्रवाह की बिहार इकाई चिति के अध्यक्ष डॉ शत्रुघ्न प्रसाद का निधन हो गया। राजधानी के आईजीआईएमएस (IGIMS) के आपातकाल वार्ड में हुआ में उन्होंने रात्रि के 1 बजकर 15 पर आखिरी सांस ली।

श्री जगन्नाथ प्रसाद व मानकी देवी के पुत्र डॉ शत्रुघ्न प्रसाद का जन्म 12 फरवरी 1932 को छपरा में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा के बाद वे एम. ए. हिंदी पटना विश्वविद्यालय व पी. एच.डी द्विवेदी युगीन हिंदी नाटक, पटना विश्वविद्यालय से किये थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद वे किसान कॉलेज, मगध विश्विद्यालय, सोहसराय,नालंदा में वृत्ति- प्रोफेसर व हिंदी विभागाध्यक्ष (1957-1992) के पद पर कार्यरत रहे।

प्रोफेसर रहते हुए उन्होंने लक्ष्मीनारायण मिश्र के ऐतिहासिक नाटक-समीक्षा ग्रंथ, अनास्था के आसपास, कविता संग्रह, अनथके चरण कहानी संग्रह, स्वामी विवेकानंद जीवनी तथा हिंदी के ऐतिहासिक उपन्यासों में काल चेतना-समीक्षा ग्रंथ की रचना किये थे।

इसके आलावा डॉ शत्रुघ्न प्रसाद ऐतिहासिक उपन्यास सिद्धियों के खंडहर, शिप्रा साक्षी है, हेमचंद्र विक्रमादित्य, सुनो भाई साधो, तुंगभद्रा पर सूर्योदय, कश्मीर की बेटी, अरावली का मुक्त शिखर, सरस्वती सदानीरा, शहजादा दारा शिकोह: दहशत का दंश, आहों का उल्लास (शीघ्र प्रकाश्य), श्रावस्ती के तट पर (शीघ्र प्रकाश्य), तख़्त ए ताऊस : गुरु तेगबहादुर की बलिदान गाथा 2020 तथा दो सौ से अधिक समीक्षा लेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है।

लेखन के आलावा डॉ प्रसाद ने सदानीरा , साहित्य -संस्कृति की त्रैमासिक पत्रिका, पटना का सम्पादन भी किया करते थे। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ शत्रुघ्न प्रसाद को 9 सम्मान मिले थे।
1. अवंति बाई पुरस्कार, 2017, उत्तरप्रदेश हिंदी संस्थान
2. गणेश शंकर विद्यार्थी साहित्य सेवी सम्मान,2014 केंद्रीय हिंदी संस्थान , राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों सम्मानित हुए थे।
3. राष्ट्रीय मैथलीशरण गुप्त सम्मान,मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा, 2008
4. भारतीय संस्कृति संस्थान , चंडीगढ़ द्वारा मानवमूल्य विश्वकोश के निर्माण में सहयोग हेतु सम्मान 2006
5. श्री प्रभाकर स्मृति अक्षर कुंभ पुरुस्कार,2005
6 पं हीरा लाल शुक्ल रामेश्वरी देवी स्मृति सम्मान 2004
7 भारतीय संस्कृति व शब्दब्रह्म उपासक सम्मान 1996
8 आरसी साहित्य सम्मान 1996
9 शान्ति प्रियदर्शी रचना पुरस्कार,1987 व 1989 में मिला था।

डॉ शत्रुघ्न प्रसाद पैर फिसलने के कारण बाथरूम में गिर गए थे। इसके बाद उनको अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि प्रसाद ब्रेन हेमरेज के शिकार हो गए हैं। इसके बाद से स्थिति गंभीर बनी हुई थी। अनुभवी डॉक्टरों के नेतृत्व में उनका इलाज चल रहा था, ब्रेन का ऑपरेशन हुआ था लेकिन, स्थिति नाजुक होने की वजह अन्ततः आज रात्रि वे इस दुनिया को अलविदा कह गए।

अंतिम संस्कार में पहुंचे संघ व भाजपा के पदाधिकारी

डॉ प्रसाद की अन्तेय्ष्टि बांस घाट स्थित शवदाह गृह में किया गया, जहाँ आरएसएस के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर, बिहार-झारखण्ड के क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर, बिहार-झारखण्ड के क्षेत्र कार्यवाह डॉ मोहन सिंह, सह क्षेत्र प्रचारक रामनवमी जी, प्रान्त प्रचारक राणा प्रताप जी, संघ के विभन्न अनुषांगिक संगठन बिहार प्रान्त के प्रमुख व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार, विधायक संजीव चौरसिया समेत कई भाजपा नेता व बुद्धिजीवी मौजूद थे।