पटना : बिहार की राजधानी पटना के राजेंद्र नगर स्थित शाखा मैदान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने आदर्श पुरूष स्वमी विवेकानंद की 155 वीं जयंती पर 12 जनवरी को युवा संगम का आयोजन किया। इस युवा संगम में पटना के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। सामान्यतः संघ अपने घोषित समारोहों के अलावा इस प्रकार का सर्वाजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं करता है। लेकिन बदलते जमाने के अनुसार संघ भी स्वयं को बदल रहा है। आरएसएस की महानगर ईकाइ की ओर से आयोजित इस युवा संगम में संघ के सह सरकार्यवाह डा.मनमोहन वैद्य मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे।
अपने वक्तव्य को विवेकानंद पर केंद्रित रखते हुए उन्होंने विवेकानंद के सपनों को साकार करने में संघ की शाखाओं की भूमिका को अनिवार्य बता दिया। मनमोहन वैद्य का भाषण शुरू होेने के पूर्व—’जिस दिन सोया राष्ट्र जगेगा, दिशि दिशि फैला तमस हटेगा’, एकल गीत प्रस्तुत किया गया। विवेकानंद को भारत राष्ट्र की सोयी चेतना को जागृत करने वाला महापुरूष बताते हुए डा. वैद्य ने कहा कि मात्र 39 वर्ष की आयु में उन्होंने जो ज्ञान भंडार हमें दिया वह भारत से प्रेम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणा पुंज है। अमेरिका में पहली बार स्वामी विवेकानंद ने दृढ़ता से कहा था कि भारत का सनातन धर्म पूरे विश्व के रिलिजन की जननी है। उन्होंने कहा था कि विश्व की सबसे प्राचीन संन्यासी परंपरा की ओर से मैं पूरे विश्व का अभिनंदन कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि देश में एकात्मता का भाव कमजोर करने के षड्यंत्र आज भी हो रहे हैं। संघ की शाखाओं में राष्ट्र, संस्कृति से प्रेम का भाव युवाओं के हृदय में उतरकर व्यवहार में आता है। शाखाओं में समाज को देने की प्रेरणा व शिक्षा मिलती है। शाखा के माध्यम से विवेकानंद के सपने साकार होंगे। एकात्मता को कमजोर करने का षड्यंत्र करने वाले यहीं के लोग हैं। हमारे जितने संस्थान हैं उनके ध्येय वाक्य हमारे उपनिषद या वेद से लिए गए हैं। देश की सुरक्षा के लिए समर्पित ‘रा’ का ध्येय वाक्य है धर्मो रक्षति रक्षितः।