पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है। इसको लेकर देशभर में लॉक डाउन जारी है। बीते कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत में अभी तक इस वायरस से 20,178 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 3976 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। वहीं 645 लोगों की मौत हो चुकी है। इस समस्या से निपटने के लिए जगह-जगह जांच की जा रही है। लेकिन, जांच करने के लिए जा रहे डॉक्टरों तथा स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले हो रहे हैं।
लगातार हो रहे हमले को लेकर चिंतित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सोमवार को जानकारी दी थी कि यदि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा बंद नहीं हुई तो आईएमए 23 अप्रैल को काला दिवस के रूप में मनाएगा।
इसी को लेकर बुधवार यानी 22 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डॉक्टरों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।
गृह मंत्री ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टरों की अहम भूमिका को लेकर उनकी सराहना की और विश्वास जताया कि सभी डॉक्टर इस लड़ाई में समर्पित रूप से काम करना जारी रखेंगे, जैसा कि वे अब तक कर रहे हैं।
अमित शाह ने स्वास्थ्य कर्मियों पर हाल के हमलों की कड़ी निंदा की और कहा कि प्रधानमंत्री डॉक्टरों के सभी मुद्दों और चिंताओं का बारीकी से संज्ञान ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक इंतज़ाम किए जाएंगे। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की कि वे उनके द्वारा प्रस्तावित प्रतीकात्मक विरोध भी न करें, क्योंकि यह राष्ट्रीय और वैश्विक हित में नहीं है।
केंद्र सरकार से तत्काल उच्च स्तरीय प्रतिक्रिया और केंद्रीय गृह एवं स्वास्थ्य मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासन को ध्यान में रखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA ) ने COVID-19 के खिलाफ लड़ाई को निर्बाध रूप से बनाए रखने के लिए प्रस्तावित विरोध वापस ले लिया है।