पटना : महिला व बाल विकास प्रक्षेत्र के लोगों के साथ बजट पूर्व परिचर्चा के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य की 1 लाख 762 आंगनबाड़ी सेविकाओं के बाद अब सरकार ने सभी आशा कार्यकर्ताओं को भी स्मार्ट फोन देने का निर्णय लिया है। पहले आंगनबाड़ी सेविकाओं को 8.2 कि.ग्रा. के 11 रजिस्टर का संधारण करना पड़ता था जबकि अब वेे स्मार्ट फोन के जरिए डाटा संग्रह कर पूरक पोषाहार, स्कूल पूर्व अनौपचारिक शिक्षा, पोषण व स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण व स्वास्थ्य जांच आदि सेवाएं 1.25 करोड़ बच्चों व गर्भवती महिलाओं को दे रही हैं।
डिप्टी सीएम के साथ स्वास्थ्य मंत्री भी थे मौजूद
श्री मोदी ने कहा कि 15 वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर आंगनबाड़ी केन्द्रों द्वारा दिए जा रहे पूरक पोषाहार पर राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा पहले से किए जा रहे खर्च के अलावा और 664 करोड़ तथा प्रति लाभार्थी 3 रुपये अतिरिक्त मिलेगा।
बाल विवाह एवं दहेज उन्मूलन अभियान के अन्तर्गत राज्य की प्रत्येक पंचायत में पिछले महीने तक 3 किशोरी व एक किशोर के 31,929 समूहों का गठन कर लिया गया है। बाल विवाह को लेकर सर्वाधिक संवेदनशील महादलित टोलों के किशोर-किशोरियों को इस अभियान की कमान सौंपी गई है। बाल विवाह मुक्त पंचायत की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य व पोषण में सुधार के लिए पीएफएमएस पोर्टल के जरिए तीन किस्तों में 5 हजार रुपये का भुगतान किया जा रहा है। इसके तहत अब तक 10.20 लाख लाभुकों को लाभान्वित किया गया हैं।
परिवार व अभिभावक विहीन बच्चों के पालन-पोषण के लिए ’परवरिश योजना‘ चलाई जा रही है। इसके तहत 0-18 वर्ष के 12,527 बच्चों को एक हजार रुपया प्रतिमाह की दर से आर्थिक सहायता अनुदान भत्ता दी जा रही है।
परिचर्चा में शामिल महिला हेल्पलाइन, यूनिसेफ, मिलिंडा एंड बिल गेट्स फाउंडेशन,जेंडर रिसोर्स सेंटर, ट्रीपल सी एनजीओ आदि के करीब दो दर्जन प्रतिभागियों ने अपने सुझाव दिए। बैठक में वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ, समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद, महिला विकास निगम की एमडी श्रीमती एन. विजय लक्ष्मी, जीविका के सीईओ बाला मुरूगन सहित सहित अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे।