पटना : बिहार पुलिस एक नया इतिहास रचने के कगार पड़ खड़ी है। अगर सूबे के डीजीपी कृष्ण स्वरूप द्विवेदी को सेवा विस्तार मिलता है तो बिहार पुलिस के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़़ जाएगा। द्विवेदी 31 जनवरी को सेवानिबृत्त होने वाले थे। लेकिन बिहार सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दी गयी याचिका के खारिज हो जाने के बाद तथा यूपीएससी की अनुशंसा के आलोक में आ रही दिक्कत के कारण द्विवेदी को छह माह का सेवा विस्तार मिल जाने की प्रबल संभावना है। राज्य सरकार ने इस सम्बद्ध में एक प्रस्ताव पूर्व में ही भेज दिया था। संभावना है कि जल्द ही इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि द्विवेदी हाल के दिनों में होने वाले पहले डीजीपी होंगे जिनका सेवाविस्तार किया जा रहा है। द्विवेदी के पूर्व होने वाले डीजीपी या तो रिटायर हुए या वीआरएस लेना पड़ा था। डीपी ओझा को राज्य सरकार से सिवान के पूर्व बाहुबली संसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के मामले को लेकर हुई अनबन के कारण वीआरएस लेना पड़ा था। अन्य सभी डीजीपी सेवानिवृत्त हुए। द्विवेदी ने तत्कालीन डीजीपी पीके ठाकुर से पदभार ग्रहण किया था। ठाकुर गत वर्ष 28 फरवरी को रिटायर हुए थे। द्विवेदी को सेवाविस्तार मिलने के साथ ही नये डीजीपी को लेकर जारी अटकलों पर पूर्ण विराम लग जाएगा। हालांकि पूर्व में चीफ सेक्रेट्री अंजनी कुमार सिंह को सेवाविस्तार का लाभ मिल चुका है।
रमाशंकर
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