पटना : भाजपा नेता एवं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कैबिनेट विस्तार के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला है। मंगल पांडेय ने तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि लुप्त, विलुप्त और गुप्त रहने वाले नेता प्रतिपक्ष कहां हैं।
साथ ही पांडेय ने कहा कि बाढ़ और कोरोना संकट में ये लुप्त रहे, इसलिए इनके प्रति जनसमर्थन भी विलुप्त हो गया। बीते साल आयी बाढ़ और कोरोना संकट में राहत कार्य, विधान सभा सत्र, विधान सभा शताब्दी समारोह और अब शपथ ग्रहण समारोह सब में गुम रहे। आखिर नेता प्रतिपक्ष की मंशा क्या है?
पांडेय ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और कहा कि असल में विपक्षी दलों के नेता को न अपने प्रदेश की माटी से प्रेम है और न ही राज्य की जनता से लगाव। इसीलिए विपक्षी दलों के नेता न संकट के समय अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते देखे जाते हैं और न ही एक जनप्रतिनिधि के रूप में जनता के प्रति दायित्वों का निर्वाह करते हैं। नये मंत्रियों के शपथग्रहण समारोह में विपक्षी दलों के नेता शरीक नहीं हुए, इससे जाहिर होता है कि विपक्ष के लोग अपनी हार के सदमे से अभी तक उबर नहीं पाये। सरकार के अच्छे कार्यों को देख कर उनके कलेजे पर सांप लोटता है।
नेता प्रतिपक्ष घूम-घूम कर सिर्फ तमाशा देखते हैं
पांडेय ने कहा कि इसके पूर्व बिहार जब बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से मुकाबला कर रहा था, तब भी विपक्षी दलों के नेता जनता की मदद के लिए आगे नहीं बढ़े। नेता प्रतिपक्ष घूम-घूम कर सिर्फ तमाशा देखते रहे। कोरोना काल में तो नेता प्रतिपक्ष गायब ही रहे, बीच-बीच में वे सिर्फ ट्वीट हैंडल पर आकाशवाणी करते रहे। उनकी दिलचस्पी कोरोना काल में लोगों को राहत पहुंचाने में नहीं, बल्कि झूठा नाटक-नौटंकी कराने में ज्यादा रही। एक जनप्रतिनिधि के रूप में भी सदन में उन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया। असल में नेता प्रतिपक्ष जिस स्कूल के विद्यार्थी हैं वहां सिर्फ हवाबाजी और लोगों को गुमराह करने के तरीके बताए जाते हैं। लेकिन, इनकी हवाबाजी लंबे समय तक नहीं चलने वाली। राजनीति में काम करके दिखाना पड़ता है। बिहार की जनता हवाबाजों को सबक सिखाना जानती है।