स्कूलों से बल्ब, पंखा भी लेते गए प्रवासी, मधुबनी में तीन कोरोना मरीज फरार

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पटना/मधुबनी : बिहार में आज 15 जून से क्वारंटाइन कैंप की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। लेकिन इस व्यवस्था की समाप्ति से ठीक पूर्व प्रवासी मजदूरों ने जो धमाचौकड़ी मचाई, उससे उनकी असलियत सामने आ गई। जहां मधुबनी जिले के झंझारपुर अनुमंडल अस्पताल कैंपस स्थित कोविड केयर सेंटर से तीन कोरोना पॉजिटिव मरीज रविवार देर रात भाग गये। वहीं, बिहार के विभिन्न जिलों में स्थित स्कूलों में बने अस्थायी क्वारंटाइन कैंपों से प्रवासी मजदूर जाते—जाते स्कूल में लगे बल्ब, कुर्सी, टेबल तक अपने साथ लेते गए। यहां तक कि इन आइसोलेट किये गए मजदूरों ने स्कूलों में बच्चों के लिए लगे चापाकल और नलों को भी तोड़ दिया।

सूबे के विभिन्न जिलों से हेडमास्टरों ने इस संबंध में शिक्षा विभाग को रिपोर्ट भेजा है जिसमें कहा गया है कि प्रवासी मजदूर आए। स्कूल में कई दिनों तक रहे और जब घर जाने लगे तो कक्षाओं की खिड़कियां तोड़ दी, दरवाजे तोड़ दिये और कई तो पंखा, एलईडी बल्ब साथ लेकर चले गये। क्वारंटाइन सेंटर हटाये जाने के बाद ऐसी ही एक शिकायत राजेंद्र नगर बालक उच्च विद्यालय के प्राचार्य ने पटना जिला शिक्षा कार्यालय में दर्ज करवायी है। डीईओ की मानें तो स्कूल की संपत्ति को बहुत नुकसान हुआ है।

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कुछ इसी तरह का हाल कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कुहरा घोसवरी के परिसर में भी देखने को मिला। यहां भी प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया था। जब ये मजदूर अपने घरों को जाने लगे तो कक्षाओं में लगे पंखे, मरकरी, एलईडी ब्लब आदि लेकर चले गये। इसके अलावा पानी के नल को तोड़ दिया। स्कूल का दरवाजा भी तोड़ दिया। स्कूल के प्राचार्य ने शिकायत स्कूल डीईओ को भेज दी है।

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