नयी दिल्ली : पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और बड़बोले पॉलिटिशियन नवजोत सिद्धू को आज सुप्रीम कोर्ट ने 33 साल पुराने रोडरेज के एक मामले में एक साल के सश्रम कैद की सजा सुना दी। यहा मामला 1988 का है जिसमें एक शख्स की मौत हो गई थी। पहले इस केस में सिद्धू को कोर्ट से राहत मिल गई थी। लेकिन रोडरेज में मृतक के परिजनों ने रिव्यू पिटिशन दायर किया जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिद्धू को जोर का झटका धीरे से दे दिया।
क्या है रोडरेज का पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिद्धू को जिस रोडरेज केस में दोषी करार दिया वह करीब 33 साल पुराना है। तब सिद्धू एक क्रिकेटर थे और उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर शुरू हुए एक वर्ष ही हुआ था। उस समय दिसंबर 1988 के एक दिन वे पटियाला में अपने एक दोस्त के साथ मार्केट गए थे। वहां कार पार्किंग को लेकर उनका एक 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से झगड़ा हो गया। इस दौरान दोनों के बीच हाथा पाई भी हुई। तब सिद्धू ने उस बुजुर्ग को घुटना दे मारा था जिसके बाद वह बेहोश हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
पहले मिली थी कोर्ट से राहत
सुप्रीम कोर्ट ने इसी रोडरेज केस में आईपीसी की धारा 323 के तहत नवजोत सिद्धू को दोषी करार दिया। कोर्ट ने इस सेलिब्रिटी को एक वर्ष के सश्रम कैद की सजा दी है। मामला 33 वर्ष पुराना है जिसमें पहले कोर्ट से नवजोत को राहत मिल गई थी। लेकिन गुरनाम सिंह के परिजनों ने इसे नहीं माना और रिव्यू पिटिशन दाखिल किया जिसके बाद सिद्धू को सजा मिली है।