आनंद मोहन मामले में SC ने नीतीश Govt. से मांगा रिकॉर्ड, दी और मोहलत
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने जी कृष्णैया हत्याकांड के सजायाफ्ता पूर्व सांसद आनंद मोहन की विवादित रिहाई के मामले में बिहार की नीतीश कुमार सरकार से सभी संबंधित रिकॉर्ड तलब किया है। अदालत ने बिहार सरकार को आनंद मोहन को दी गई छूट से जुड़े वास्तविक रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने बिहार सरकार को अपना जवाब देने के लिए और समय देने की बात भी कही। जी कृष्णैया की पत्नी ने आनंद मोहन को समय से पहले रिहा करने के बिहार सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
अदालत में कृष्णैया की पत्नी ने लगाये ये आरोप
सुप्रीम कोर्ट में उमा कृष्णैया की ओर से कहा गया कि राज्य सरकार ने पूर्व निर्धारित नीति में बदलाव कर उनके पति की हत्या के सजायाफ्ता को रिहा कर दिया। याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया कि राज्य को आनंद मोहन के आपराधिक इतिहास के पूरे रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया जाए। बिहार जेल नियमावली में संशोधन के बाद आनंद मोहन को 27 अप्रैल को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया था। याचिका में दलील दी गई है कि गैंगस्टर से नेता बने आनंद मोहन को सुनाई गई उम्रकैद की सजा उसके पूरे जीवनकाल के लिए है और इसकी व्याख्या महज 14 वर्ष की कैद की सजा के रूप में नहीं की जा सकती।