सावन शुरू, 22 को पहली सोमवारी, बन रहे दुर्लभ संयोग

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पटना : भगवान शिवजी का प्रिय माह सावन 17 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। पहली सोमवारी 22 जुलाई को है। शास्त्रों में चैत्रादि द्वादश माह के आध्यात्मिक महत्व को स्पष्ट किया गया है। इन सभी में सावन माह का विशेष महत्व है। इस माह में शिव भक्तों द्वारा उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखने और भगवान शंकर की पूजा करने वाले जातक को मनोवांछित जीवनसाथी प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होता है। विवाहित औरतें श्रावण का सोमवार व्रत रखती हैं तो उन्हें भगवान शंकर सौभाग्य का वरदान देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक वर्ष सावन में भगवान शिव अपनी ससुराल आते हैं। भू-लोक वासियों के लिए शिव कृपा पाने का यह उत्तम समय होता है।

शुभ संयोग में मनेगा सावन

इस सावन में 4 सोमवार आयेंगे। इन चारों सोमवार में तीसरे सोमवार में त्रियोग का संयोग बन रहा है। सावन अमावस्या यानी हरियाली अमावस्या पर पूरे 125 वर्षों के बाद पंच महायोग का संयोग बन रहा है। नागपंचमी विशेष संयोग में मनायी जायेगी। इस बार नागपंचमी और सोमवार का बेहद कल्याणकारी संयोग एक साथ बन रहा है। नागपंचमी और सोमवार दोनों का भगवान शिव की आराधना के लिए श्रेष्ठ होता है। सावन माह के बीच में एक अगस्त को पहला सिद्धि योग दूसरा शुभ योग, तीसरा गुरु पुष्यमृत योग, चौथा सर्वार्य सिद्धि योग और पंचमा अमृत सिद्धि योग का संयोग है। इस पंचयोग में पूजा करना शुभ और फलदायी माना गया है। नागपंचमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग के संयोग में काल सर्प दोष निवारण के लिए पूजा करना फलदायी होगा। सावन के महीने में शुक्र ग्रह अस्त हो जाएगा। फलतः किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जा सकेगा।

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सुखद रहेगा वैवाहिक जीवन

इस वर्ष सावन खास है क्योंकि 10 शुभ संयोग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस बार सावन पूरे 30 दिनों का हो गया है। ऐसे शुभ संयोग में शिव की आराधना करने से खुशहाल वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होगा। विशेष कर अविवाहितों जिनकी शादी में विलम्ब हो रहा है। उन्हें भोले की पूजा विधिवत करने से मनोकामना पूरी होगी।

नीरज मिश्र, ज्योतिर्विद

 

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