सरकारी सब्सिडी प्रदान करने का दावा कर रहे सन्देश को भारतीय डाक ने बताया फर्जी
भारतीय डाक ने हाल के दिनों में ऐसा पाया है कि अनेक यूआरएल/वेबसाइट कुछ सर्वेक्षणों, प्रश्नोत्तरी के माध्यम से छोटे यूआरएल सहित व्हाट्सएप, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया और ईमेल/एसएमएस के माध्यम से सरकारी सब्सिडी प्रदान करने का दावा कर रहे हैं।
भारतीय डाक ने देश के नागरिकों से अनुरोध किया है कि भारतीय डाक सर्वेक्षण आदि के आधार पर सब्सिडी, बोनस या पुरस्कार की घोषणा जैसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं है। इस तरह की अधिसूचना/संदेश/ई-मेल प्राप्त करने वाले लोगों से अनुरोध है कि वे ऐसे फर्जी और नकली संदेश पर विश्वास न करें या इसका उत्तर नहीं या कोई व्यक्तिगत विवरण साझा नहीं करें। यह भी अनुरोध किया जाता है कि किसी भी व्यक्तिगत रूप से पहचान-योग्य जानकारी जैसे जन्म तिथि, खाता संख्या, मोबाइल नंबर, जन्म स्थान और ओटीपी आदि साझा न करें।
भारतीय डाक हालांकि विभिन्न रोकथाम तंत्रों के माध्यम से इन यूआरएल/लिंक्स/वेबसाइटों से बचाव के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रहा है। व्यापक तौर पर आम लोगों से एक बार फिर अनुरोध किया जाता है कि वे किसी भी फर्जी / नकली संदेशों / संचार / लिंक पर विश्वास न करें या उनका जवाब न दें।
Multiple fake websites like 'https://t.co/enD9FVZYad' claims to be running @indiapost_dop 170th anniversary lucky draw. India Post/Department of Posts has nothing to do with such scamming activity. Beware of such fraudulent activities.
— India Post (@IndiaPostOffice) April 21, 2022