सरकार को जगाने के लिए अनशन करेगी राजद: जगदानंद सिंह

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पटना: राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सहमति के बाद 01 मई को मजदूर दिवस के दिन राजद देश के किसी भी हिस्से में फँसे बिहारी, छात्र और अप्रवासी कामगार के लिए आवश्यक शारीरिक दूरी बनाकर दो घंटे के अनशन करेगी। उन्होंने कहा कि निर्दयी शासन/प्रशासन को चेतावनी देने के लिए यह सांकेतिक अनशन किया जाएगा।

जगदानंद सिंह ने कहा कि आसमानी (दैनिक) आपदा से निराकरण या निकल पाने के लिए ही संस्थाओं का निर्माण समाज ने किया है। सरकार समाज द्वारा निर्मित सर्वोच्च संस्था होती है, जिसकी जिम्मेवारी होती है कि आसमानी आपदा चाहे, आंधी हो, तुफान हो, सुनामी हो, ओलावृष्टि हो, अतिवृष्टि हो, बाढ हो या किसी तरह की व्याधि (रोग) हो जहां जनजीवन विपत्ति में पड़े वहां सरकार अपनी पूरी ताकत से खड़ी होकर सम्भावित बचाव करे।

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मगर ऐसे समय में सरकार स्वयं समस्या पैदा करने लगे तब जनता को मुखर होना पड़ता है। करोना की व्याधि से दुनिया पीड़ित है। भारत भी पीड़ित है, पीड़ित बिहार की पीड़ा उनके सर पर बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय जनता दल एवं प्रतिपक्ष के नेता व्यथित एवं चिंतित हैं कि आखिर बिहार सरकार इस तरह की अमानवीय व्यवहार क्यों कर रही है।

राजद नेता ने कहा कि 25 लाख से ऊपर मजदूर भारत के हर हिस्से में अनाथ की तरह पड़े हुए हैं। अच्छी शिक्षा की तलाश में बाहर गये विद्यार्थी बेवस होकर अपने साथ हो रहे व्यवहार से दुखित हैं। मजदूर कार्य के अभाव में भूख से बिल-बिला रहे हैं। मजदूरों एवं विद्यार्थियों के अभिभावक सरकार से निराश हैं असमय की बारिश एवं ओलावृष्टि ने ग्रामीणों के फसल को नष्ट कर दिया है।

बिहार सरकार आराम से मुख्यमंत्री आवास में सोई हुई है। प्रत्येक राज्य सरकारें अपने नागरिकों को चाहें वे मजदूर हों या विद्यार्थी या पर्यटक या धार्मिक यात्रा पर निकले हो, इस लाॅकडाउन में अपने नागरिकों को अपने-अपने घर में लाकर मुशिकल की घड़ी में सभी इन्तेजाम कर रही है। अन्य सरकारें अपने जनता की हिफाजत में लगी है, मगर बिहार सरकार लोगों को पीड़ा पहुंचाने में आनन्द महसूस कर रही है। क्या यह सुल्तानी आपदा नहीं है।

साथियों इंसान जब कष्ट में पड़ता है तो माँ की गोद या अपनी धरती माँ को याद करती है। बाहर पड़े लोग अपनी धरती माँ की गोद में अपने परिवार के साथ होकर इस आपदा का सामना करना चाहते हैं तब बिहार का सुल्तान अपने सनक के साथ क्यों जिद्द पर अड़ा है।

अचानक हुए लाॅकडाउन के चलते दिल्ली में रूके हैं मगर वहीं से अन्य राज्यों में रहने वाले बिहारी भाईयों के लिए राशन, साधन देते एवं दिलाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। लगातार जनहित में बिहार सरकार से मांग करते रहे हैं कि बिहार का कोई भी व्यक्ति जहां भी हो अपनी धरती पर आने का अवसर दिया जाय तथा भूख से किसी को मरने नहीं दिया जाय।

जनहित के उठाई गई मांग को असंवेदनशील बिहार सरकार असभ्य तरीके से ठुकरा रही है। ऐसे समय राजद ने निर्णय लिया है कि 01 मई, अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस पर हम सभी एक दिवसीय स्वेछिक उपवास के साथ अनिवार्य रूप से सुबह 10ः00 बजे से दिन के 12ः00 बजे तक अपने-अपने निवास पर परिवार के साथ आवश्यक शारीरिक दूरी बनाकर अनशन पर बैठेंगे। सुल्तानी आपदा से बचाव का रास्ता तलाशना आवशयक हो गया है।

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