सरकार को गाली दीजिए, ब्राह्मणों को नहीं, किसने और क्यों कहा?

0

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पीएम द्वारा ट्रस्ट के ऐलान के बाद इसके बारे में जानकारी सामने आई थी। इसके अनुसार ट्रस्ट से जुड़े 15 सदस्यों में एक दलित समुदाय से आने वाले भी लोग होंगे। दलित समुदाय से जो नाम तय है वह नाम है कामेश्वर चौपाल। सुपौल के रहने वाले कामेश्वर चौपाल ने 1989 में राम मंदिर की नींव के लिए पहली ईंट रखी थी। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ‘श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ का ऐलान होने के बाद अयोध्या में महंथ नृत्य गोपाल दास के आश्रम की सुरक्षा काफी बढ़ा दी गई है।

लेकिन केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस नेता पूर्व सांसद डॉ उदित राज ने जमकर आपत्ति व्यक्त की है। उदित राज ने कहा ‘केंद्र सरकार द्वारा गठित राम मंदिर ट्रस्ट पूर्ण रूप से असंवैधानिक है। इसमें सिर्फ ब्राहमणों को क्यों रखा गया है ? अपवाद में एक दलित को दिखावे के लिये रखा। घोषित ट्रस्ट को भंग कर सांविधानिक प्रावधानों के अनुरुप ट्रस्ट बने, जिसमें SC, ST, OBC और महिलाओं को भी भागीदारी मिले। उन्होंने आगे कहा राम” में हिस्सा नहीं चाहिये।
राम के नाम पर जो सरकारी ट्रस्ट है, उसमें सांविधानिक भागीदारी चाहिये।

swatva

उदित राज के इस बयान के बाद बिहार कांग्रेस के नेता प्रेमचंद मिश्रा ने जवाब देते हुए कहा ‘अब आप कांग्रेस के नेता हैं और किसी भी जाति-धर्म के प्रति आपकी भाषा मर्यादित होनी चाहिए, ट्रस्ट का गठन सरकार ने की है, गाली भाजपा को दीजिये ब्राह्मणों को नहीं।

मालूम हो कि 1989 में जब राम मंदिर के लिए पहली ईंट रखी जानी थी तब पूरे भारत के हिंदू विद्वानों ने बिहार के कामेश्वर चौपाल के नाम का चयन किया था। इसके पीछे मुख्य वजह ये थी कि दलित नेता कामेश्वर चौपाल की राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका रही थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here