समस्तीपुर : कोरोना के लॉकडाउन के चलते केंद्र और राज्य सरकार कर्मकांडी ब्राह्मण, पुजारी, तीर्थ पुरोहित व ज्योतिषियों को भी राहत पैकेज दें। ब्राह्मण वर्ग भी राहत पैकेज में शामिल समूहों की तरह इसका हकदार है। जबकि यह वर्ग भी पूजा-पाठ व तीर्थ पर सेवा कर अपना उपार्जन करते हैं।
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ब्राह्मणों के लिए राहत पैकेज देने की यह मांग राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ शाखा समस्तीपुर ब्राह्मण समाज ने की है। जिला प्रवक्ता पंडित राकेश झा का कहना है केंद्र सरकार तथा विभिन्न राज्य सरकारों ने किसान, बीपीएल कार्डधारी, पेंशनर, विकलांग, विधवा, वृद्ध, दिहाड़ी मजदूर, मनरेगा दिहाड़ी, कर्मचारी, अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी, स्व सहायता समूह, उज्जवला समूह, महिला, जन धन खाताधारी सहित विभिन्न प्रकार की कैटेगरी के लगभग 132 करोड़ लोगों को 1.70 लाख करोड़ रुपए का राहत पैकेज की घोषणा कर राहत दी है। लेकिन ब्राह्मण समाज जो धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ, मंदिरों व तीर्थों की सेवा में जो लगा हुआ है, उसके लिए कोई घोषणा नहीं की गई।
वहीं सारण के जिलाध्यक्ष पंडित राकेश द्विवेदी एवं महासचिव नीलू तिवारी पुजारी अंबिका स्थान आमी का भी कहना है सरकार हम लोगों पर भी ध्यान दें जिससे हमारा भी आजीविका चले। किसी एक वर्ग को अलग करके राहत पैकेज देना यह न्यायोचित नहीं है, इस महामारी में हम लोग भी प्रभावित हुए हैं इसका ख्याल रखा जाए।
चंद्रभूषण तिवारी, रमण तिवारी, हरिराम दुबे, गणेश तिवारी, पंडित सुरेश ऐसे ब्राह्मण हैं जो प्रतिदिन पूजन-पाठ या मंदिरों की सेवा व तीर्थ पुरोहितों के रूप में आजीविका अर्जित करते हैं। उनकी भी सहायता सरकार को करना चाहिए। इस संकट की घड़ी में सरकार की योजनाओं से ब्राह्मण वर्ग वंचित है।
लॉकडाउन में मंदिर, तीर्थ, कर्मकांड, पूजा-पाठ आदि भी कार्य बंद है यहां तक कि अति आवश्यक उत्तर कर्म पिंड दान भी रोक दिए हैं। इससे इस वर्ग के सामने भी जीवन यापन का संकट खड़ा है। सरकार इस बड़े वर्ग को राहत में शामिल करती है तो देश के ब्राह्मण समाज को भी राहत मिलेगी। बिहार प्रदेश प्रभारी पंडित अंशु झा ने बताया कि इस संबंध में केंद्र और राज्य सरकार को ज्ञापन भेज कर स्थिति की जानकारी दी जाएगी।