संठा में कोरोना के भय पर भारी पड़ी आस्था

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  • मंदिर का इतिहास 300 वर्ष पुराना, लोगों में अपार श्रद्धा

सारण : जिले के गड़खा प्रखंड में प्रति वर्ष आयोजित होनेवाले महावीरी पूजा का आयोजन इस वर्ष आयोजक समिति द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए थे। आयोजन समिति ने लोगों से काम संख्या में आने की अपील की थी पर महावीरी पूजा को ले लोगों में अपार श्रद्धा देखने को मिली लोग काफी संख्या में जुटे, जिससे आयोजक समिति को देह से दूरी व अन्य बचाव के नियमों के पालन के लिए बड़ी मशक्त करनी पड़ी।

गड़खा प्रखंड के प्राचीन संठा ग्राम में हर वर्ष महावीरी पूजा का आयोजन किया जाता रहा है, इस वर्ष शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए संपन्न हुई। आयोजन समिति ने कम से कम लोगों से आने की अपील की थी लेकिन लोगों की श्रद्धा कोरोना के भय पर भारी पड़ी।

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सोशल डिस्टेंसिंग के बीच संपन्न वैश्विक महामारी कोरोना को ले आयोजन समिति द्वारा निर्णय लिया गया था कि इस बार करोना के भय के कारण श्रद्धालुओं की संख्या कम होगी लेकिन देखने के यह मिला कि कोरोना के डर से ज्यादा महावीर की आस्था लोगों में है। हालांकि, आयोजन समिति द्वारा अपने अस्तर से समाजिक दूरी रखने का भरपूर प्रयास किया गया लेकिन लोगों की आस्था के आगे वह सब बेअसर रहा।

दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तो कम थी लेकिन स्थानीय स्तर पर लोगों द्वारा अपने घरों से हर साल के के तरह अपने अपने घरो से महावीर जी का चढ़ाने वाला ध्वज, रोट, खीर, लड्डू, प्रसाद लाया गया आयोजन समिति द्वारा अलग से ही प्रसाद लेने तथा बांटने की व्यवस्था की गई थी और बारी-बारी से सभी का प्रसाद महावीर के पास भोग लगाकर वापस गया भी।

दूरदराज से आने वाले दुकानदार झूला वाले एवं अन्य को मंदिर परिसर में आने की मनाही के कारण उनकी संख्या नगण्य थी परंपरा के अनुसार कि संठा का महावीरी पूजा सैकड़ों वर्षो से हो रही है जहां लाखों लोगों की आस्था इन से जुड़ी है तभी तो ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले इस पूजा में अपनी मन्नतें पूरी होने पर हजारों श्रद्धालु हर वर्ष मंदिर परिसर में ध्वज लगाते हैं गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि लगभग 300 वर्ष पूर्व बाढ़ के दिनों में महावीर जी की छोटी मूर्ति गांव के किसान को मिली थी जिसे वह अपने घर में रखा रात्रि में महावीर जी द्वारा स्वप्न में उसे मंदिर बनवाने के बात कही तब से ग्रामीण मंदिर बना कर महावीर जी की पूजा करते हैं लोगों का कहना है कि यहां जो भी मन्नते मांगते हैं उनकी मुराद महावीर जी अवश्य पूरा करते हैं तभी तो पूजा के दिन लाखों की भीड़ होती है|

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