बगहा : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर व्याघ्र अभ्यारण्य को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। श्री कुमार ने यहां भारत-नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगे व्याघ्र अभ्यारण्य का भ्रमण करने के बाद कहा कि इस अभ्यारण्य को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां ईको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध करा कर इसे भी बोधगया और राजगीर की तरह बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाल्मीकिनगर व्याघ्र अभ्यारण्य को विकसित करने के लिए उनकी पहल पर ही 200 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। उन्होंने कहा कि इसके विस्तार के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी। आने वाले समय में यह व्याघ्र अभ्यारण्य बिहार के रमणीक स्थल के रूप में जाना जाएगा।
श्री कुमार ने कहा कि वाल्मीकिनगर व्याघ्र अभ्यारण्य में अगले वर्ष तक एक लाख पर्यटकों के आने की संभावना है। इसके लिए सरकार सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने को तत्पर है। उन्होंने कहा कि अभ्यारण्य को सोलर लाइट से रोशन करने के साथ ही पर्यटकों को साइकिल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। होटलों में पर्यटकों को थारू जनजाति की संस्कृति से अवगत कराया जाएगा। अभ्यारण्य में थारू जनजातियों द्वारा निर्मित सामानों की बिक्री के लिए केंद्र भी बनाये जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इस टाइगर रिजर्व में प्रत्येक दिन रात को टेलीफिल्म प्रदर्शित करने के साथ ही प्रत्येक सप्ताह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभ्यारण्य भ्रमण के लिए लगने वाले शुल्क में भी भारी कटौती की गई है।
श्री कुमार ने बगहा-2 प्रखंड को सीधाव में स्थापित करने के लिए आठ एकड़ जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया। उन्होंने अभ्यारण्य से सटे गंडक नदी से हो रहे कटाव का भी जायजा लिया एवं उस पर अविलंब रोकथाम के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश जल संसाधन विभाग को दिया।