साधु समाज की भृकुटियां तनीं, प्रबुद्ध संतों की समिति करेगी पालघर लिंचिंग की जाँच
द्वारका : महाराष्ट्र के पालघर के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल 2020 को श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के दो साधुओं की निर्मम हत्या कर दी गई थी । यह पूरी घटना वहां मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुई थी।
इसको लेकर भारत साधु समाज ने श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के दो साधु 70 वर्षीय कल्पवृक्ष गिरी, 35 वर्षीय सुशील गिरी एवं ड्राइवर की हत्या पर दुख व्यक्त किया है। विदित हो कि गुरु महंत श्री राम गिरी जी महाराज के आकस्मिक निधन होने पर उनकी अंत्येष्टि में सम्मिलित होने के लिए वे मुंबई से रवाना हुए थे। महाराष्ट्र के गढ़चिंचले ग्राम के पास 200 लोगों की भीड़ ने पुलिस के सामने ही लाठी-डंडे से पीट-पीटकर निर्दोष संतों की हत्या कर दी। जो कि जघन्य अपराध है।
स्मरण रहे कि भारत के साधु-संतों ने आध्यात्मिक जागृति के साथ-साथ सामाजिक और राष्ट्रीय सेवा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आज भी पूरे देश में साधु सेवा को सच्चा धर्म मानकर कर्तव्य निभा रहे हैं।
इस अमानवीय एवं निंदनीय कृत्य को पुलिस की उपस्थिति में अंजाम दिया गया है। इस घटना को लेकर अखिल भारतीय भारत साधु समाज ने अपराध की कठोर शब्दों में निंदा की है। भारत साधु समाज ने मुख्यमंत्री से अनुरोधपूर्वक कहा कि इसमें शामिल लोगों को कठोर से कठोर दंड दिया जाए। जिससे भविष्य में इस तरह की अमानवीय घटना पर रोक लग सके।
समाज के राष्ट्रीय कार्यकारी महामंत्री स्वामी केशवानंद ने कहा है कि कोरोना संक्रमण समाप्त होते ही इस घटना के पीछे राष्ट्र-द्रोही एवं हिंदू आस्तिकता विरोधी मानसिकता की जांच साधु समाज के प्रबुद्ध संतों की समिति के द्वारा कराई जाएगी। इस निर्णय की जानकारी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूज्यपाद जगद्गुरु शंकराचार्य, श्रीमत स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज एवं कार्यकारी अध्यक्ष श्री शंभुपंच अग्नि अखाड़ा के सभापति महंत श्री मुक्तानंद ब्रह्मचारी जी से परामर्श करके ली गई है।