‘सबका साथ, सबका विकास’ की मंजिल है ‘विश्वगुरू’ : रघुवर दास

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रांची : झारखंड की राजधानी स्थित खेलगांव में आयोजित लोकमंथन कार्यक्रम में अध्यक्षीय भाषण में मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने बिरसा मुंडा सहित झारखंड और देश के सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कार्यक्रम में देश भर से आये सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि इस कार्यक्रम का यहां आयोजन होने से झारखंड गौरवान्वित हुआ है।
उन्होंने कहा कि 1857 से ही झारखंड की कोख से कई वीर शहीदों ने जन्म लिया जिन्होंने भारत पर खुद को न्यौछावर कर दिया। झारखंड की संस्कृति इस आयोजन के माध्यम से देश दुनिया मे अपनी छटा बिखेरेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन से हम भारत को विश्वगुरु बनाने का संदेश दें। देश की एक अरब 32 करोड़ की आबादी भारत को विश्वगुरु बनाने और स्वामी विवेकानंद के सपने पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे प्रधानमंत्री जी का मानना है कि सबका साथ, सबका विकास। तभी भारत आगे बढ़ेगा। मुझे पूर्ण उम्मीद है कि इस तीन दि‍न के लोकमंथन में वैचारिक मन्थन होगा। इस सम्मेलन से हम भारत को विश्वगुरु बनाने का एक संदेश दें।

श्री जे नंदू कुमार ने लोकमंथन का प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह लोकमंथन का द्वितीय संस्करण है। पहले संस्करण का आयोजन भोपाल में हुआ। इस कार्यक्रम की सोच है कि भारत का विचार प्रणाली पूरा समाज मिल कर (इसमें सभी सम्मिलित है, कवि, लेखक आदि) करते थे। भारत बोध को बनाने में सभी का सहयोग रहा है। विश्व का मंगल करने वाला गीत भारत के हर क्षेत्र के लीग गाते है। भारत बोध को मजबूत करने के लिए लोकमंथन का आयोजन हुआ है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद इसे फिर से शुरु करने का प्रयास 2016 में हुआ। 2018 में रांची में भारत बोध कैसे राष्ट्र में, लोगों में और हर इंसान के मन मे है इस पर चर्चा होगी। यह एक विलय है संस्कृतियों, कला, गीत, विचार का। उन्होंने कहा कि सब मिल कर इसे सफल बनाएंगे ऐसे संकल्प की जरूरत है। इस अवसर पर भारत दर्शन पुस्तक का लोकार्पण भी हुआ।

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पर्यटन , खेल कूद एवं कला संस्कृति मंत्री श्री अमर कुमार बाउरी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू, झारखंड की राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, कार्यक्रम के अध्यक्ष मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास, पर्यटन, खेल कूद एवं कला संस्कृति मंत्री श्री अमर कुमार बाउरी, लोकमंथन के श्री जे अनंत कुमार जी, रांची की मेयर श्रीमती आशा लकड़ा, श्री बत्रा, श्री मनमोहन वैद्य, श्री सिद्धनाथ, श्री रामदत्त चक्रधर, श्री रवि‍शंकर, झारखण्ड मंत्रिपरिषद के सभी मंत्रीगण, सांसद एवं विधायकगण, लोकमंथन एवं प्रज्ञाप्रवाह के सभी अधि‍कारी, आयोजन समिति के सदस्यगण, लोकमंथन कार्यक्रम में देश-विदेश से आये बुद्धिजीवी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

आदिवासियों भावनाओं और जरूरतों को समझना होगा : अर्जुन मुंडा

अर्जुन मुंडा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज यह विवेचना का विषय है कि हमारे संस्कार में कमी आई है। हमें यह विचार करना चाहिए कि हमारा वंशानुगत जातीय है और शासकीय समाज क्या है? हमारा एक भारतीय समाज है जो हमें दूसरों से अलग करता है। आदिवासी समाज के बारे में मैं कहूंगा कि उनकी सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक व्यवस्था एक साथ चलती है। जो हमारे संस्कार हैं उसका सबको बोध होना चाहिए और उसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। जंगल में रहने वाला ही जंगल को समझ सकता है, पर्यावरण का स्वरूप आदिवासी जीवन पद्धति में है, जिसमें सुविधा कम है लेकिन आनंद है।

हम बात तो देश की कर रहे हैं पर काम दुनिया की कर रहे हैं क्योंकि दुनिया हमें बाजार बना रही है और हमें मजबूर कर रही है हर चीज को झेलने के लिए। जो हमारी आत्मसंतोषी विचारधारा है उसको समाप्त कर रही है और जिसके कारण हम दोनों तरफ से धर्म की दृष्टि से भी और सामाजिक व्यवस्था की दृष्टि से भी कमजोरी महसूस कर रहे हैं।

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