सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के बाद अब आध्यात्मिक राष्ट्रवाद

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पटना: राजनीतिक रूप से जागृत बिहार की राजधानी पटना में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से दो कदम आगे बढ़ते हुए आध्यात्मिक राष्ट्रवाद पर अंतरराष्ट्रीय उद्बोधन हुआ। विश्वंभर अध्यात्म एवं विज्ञान संस्थान के तत्वावधान में शनिवार को चैंबर आफ कामर्स सभागार में यह आयोजन हुआ। ख्यातिलब्ध अर्थशास्त्री, कवि व विचारक आचार्य श्री अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी के जन्मदिन पर पिछले 11 वर्षों से आध्यात्मिक राष्ट्रवाद के विविध पक्षों पर भारत में विभिन्न स्थानों पर अंतरराष्ट्रीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाता रहा है। इस अवसर पर समाज के विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को आचार्य श्री पुरस्कार से सम्मानिक किया जाता है। इस बार भी भारत के विभिन्न स्थानों के पांच लोगों को सम्मानित किया गया।

समाज के विभिन्न क्षेत्रों के पांच लोगों को मिला सम्मान

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समारोह मेें भरत नाट्यम की विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मश्री गीता चंद्रण को आचार्य श्री कला एवं संस्कृति पुरस्कार दिया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. संजय पासवान को आचार्य श्री समाज वैज्ञानिक पुरस्कार दिया गया। वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कांत ओझा को आचार्य श्री संवाद शास्त्री पुरस्कार, कानपुर के डा. मजहर नकवी को आचार्य श्री राष्ट्रीय चेतना पुरस्कार, जेएनयू के डा. प्रवेश कुमार को आचार्य श्री युवा समाज वैज्ञानिक पुरस्कार एवं चित्रकूट के श्री अवनीश कुमार सोनी को आचार्य श्री शिक्षा उद्यमी पुरस्कार दिया गया।

आध्यात्मिक माहौल में राष्ट्रवादी आयोजन

इस समारोह का आयोजन आध्यात्मिक माहौल में हुआ। पद्मश्री गीता चंद्रण ने शिव पंचाक्षर, गोविंद वंदना एवं विद्यापति के गीत पर भरत नट्यम प्रस्तुत किया। आध्यात्मिक राष्ट्रवाद की संकल्पना पर डा. वाजपेयी ने कहा कि भारत की आत्मा आध्यात्मिक है, इसीलिए भारत को ऋषियों का देश कहा जाता है। भारत राष्ट्र की संकल्पना नेशन से अलग है। भारत राष्ट्र की संकल्पना एकात्मता के व्यावहारिक चिंतन पर आधारित है जो हमारी अंतःचेतना में रची-बसी है। इस परंपरा में सर्वे भवंतु सुखिनः, वसुधैव कुटुम्बकं, एकं शत विप्राः बहुधा वदंति जैसे सिद्धांत प्रकट हुए।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डा जीसीआर जायसवाल ने कहा कि भारत की शक्ति अध्यात्म है जिससे पूरे विश्व का मार्गदर्शन होता है। समारोह के आयोजन सहयोगी कालेज आफ कामर्स के प्राचार्य प्रो. तपन शांडिल्य ने अतिथियों का स्वागत किया।

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