RSS की खुफियागीरी पर विप में हंगामा, मयूख और राय ने मांगा जवाब

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पटना : आरएसएस समेत कुल 19 संगठनों की खुफिया जानकारी जुटाने के राज्य सरकार के आदेश को लेकर आज बुधवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ। भाजपा सदस्यों ने यह मुद्दा विधान परिषद में उठाते हुए सीएम नीतीश कुमार से जवाब मांगा। भाजपा एमएलसी संजय मयूख और सच्चिदानंद राय ने सवाल उठाते हुए कहा कि आरएसएस को लेकर जारी चिट्ठी पर सरकार जवाब दे। नेता द्वय ने कहा कि आरएसएस एक जिम्मेदार और विश्वसनीय संस्था है, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी उसके कार्यों के लिए प्रशंसित किया था। इस संस्था के बारे में खुफिया जांच की बात चौंकाने वाली है।

भाजपा एमएलसी सच्चिदानंद राय ने सदन के बाहर पत्रकारों से कहा कि जिस दिन चुनाव खत्म हुए, उस दिन से ही नीतीश कुमार की मंशा साफ हो गई थी। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा आरएसएस से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटाने का दिया गया आदेश नैतिक रूप से गलत है। श्री राय ने कहा कि 19 मई को लोकसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही जदयू ने धारा 370, 35—ए और राम मंदिर जैसे मुद्दों पर बता दिया था कि आने वाले समय में वह एनडीए के लिए मुश्किल खड़ा करेगा। ऐसे में राज्य सरकार का ताजा कदम न तो गठबंधन के लिए सही है, और न ही बिहार के लिए। उम्मीद है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसपर जरूर संज्ञान लेगा।

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इधर पूर्व सीएम और राजद नेत्री राबड़ी देवी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नीतीश तो आरएसएस का जड़ जमाने वाले हैं। अब वे जांच करवाकर क्या करेंगे? इसका जवाब सुशील मोदी और भाजपा वालों से लेना चाहिए। अब नीतीश के इस व्यवहार पर क्या कहेंगे भाजपा वाले। राबड़ी ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के पास जांच करवाने का अधिकार है।

मालूम हो कि 28 मई को बिहार सरकार ने आरएसएस सहित विभिन्न संगठनों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने के लिए स्पेशल ब्रांच को एक पत्र जारी किया था। इसमें अधिकारियों से आरएसएस, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद समेत विभिन्न दलों के नेताओं के नाम, पता, पद और व्यवसाय की जानकारी जुटाने को कहा गया था।

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