रोया कण—कण बिहारी, अटल बिहारी, अटल बिहारी…

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पटना : पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर समूचा बिहार शोकमग्न है। उनके जाने से पैदा हुआ खालीपन भरना नामुमकिन है। वे बिहार के जन—जन में किस कदर व्याप्त हैं, इसकी बानगी अटल जी के अवसान के अगले दिन प्रदेश की राजधानी पटना में देखने को मिली। समूचा पटना स्वत:स्फूर्त बंद! आम दिनों में जाम के कारण रेंगती सड़कें एकदम सूनसान, सपाट! भाजपा, जदयू और अन्य दल तो एक तरफ राजद ने भी अपने प्रदेश कार्यालय में लगा झंडा शोक—सम्मान में आधा झुका दिया। राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत सभी राजनीतिक दल के नेताओं और उद्योग संगठनों ने नम होकर शोक संवेदनाएं व्यक्त की।

राज्यपाल ने कहा कि श्री वाजपेयी भारतीय राजनीति के अजातशत्रु थे। चार दशकों से भी अधिक समय तक भारतीय राजनीति के प्रकाश पुंज बने रहनेवाले श्री वाजपेयी अगले कई युगों तक भारतीय जन-मानस के हृृदय सम्राट बने रहेंगे। वह दलगत सीमाओं से परे सबके बीच समान रूप से पूज्य थे। विश्व राजनीति में भी गहरी पैठ रखनेवाले श्री वाजपेयी ने अपनी विदेश नीति से देश को काफी प्रतिष्ठा दिलायी। पूरा विश्व उनकी सदाशयता और मैत्री भावना से प्रेरित एवं प्रभावित रहता था। देश ने आज अपना एक ऐसा प्रखर तेजस्वी, ओजस्वी, यशस्वी और महान राष्ट्रभक्त सपूत खो दिया है, जो सम्पूर्ण भारतवर्ष के हर वर्ग में समान रूप से लोकप्रिय था।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अटल जी के रूप में देश ने सबसे बड़ी राजनीतिक शख्सियत के साथ ही प्रखर वक्ता, कवि, लेखक, चिंतक, विचारक और करिश्माई व्यक्तित्व को खो दिया है। उन्होंने उच्च राजनीतिक मूल्यों एवं व्यक्तित्व की बदौलत राजनीतिक सीमाओं के परे सभी विचारधारा के दलों का आदर एवं सम्मान प्राप्त किया। उनमें सभी विचारधारा के लोगों को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी। श्री कुमार ने कहा कि उनके नेतृत्व में देश का चहुंमुखी विकास हुआ तथा विश्व पटल पर भारत ने एक सशक्त राष्ट्र के रूप में अपनी छवि स्थपित की। उन्होंने श्री वाजपेयी के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुये कहा, “मुझे सदैव अटल जी का स्नेह एवं मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा तथा उनसे सार्वजनिक जीवन में काफी कुछ सीखने को मिला। उनके निधन से उन्होंने अपना अभिभावक खो दिया है।”

उप मुख्यमंत्री श्री मोदी ने कहा कि श्री वाजपेयी का निधन स्वाधीनता के बाद की भारतीय राजनीति के आकाश पर उदित सबसे चमकीले नक्षत्र का अवसान है। उनके लम्बे सार्वजनिक जीवन की शुचिता, अद्भुत ओजस्विता से भरी भाषणशैली, राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने वाली कूटनीति और 50 साल के संसदीय जीवन में गढ़े गए शिखर प्रतिमान ध्रुव तारे की तरह सदियों तक मार्गदर्शन करते रहेंगे। सबके प्रेरणा पुरुष अटल जी काल के कपाल पर अमर गीत लिख गए हैं।
सदैव विनोदपूर्वक स्वयं को बिहारी कहने वाले श्री वाजपेयी की सरकार में बिहार के मंत्रियों की संख्या सबसे ज्यादा थी। बिहार की जनता की ओर से लोकप्रिय नेता अटल बिहारी वाजपेयी को विनम्र श्रद्धांजलि।

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव, राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने श्री वाजपेयी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की और कहा कि उनके निधन से भारतीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया है। वह उच्च कोटि के राजनेता, दार्शनिक, चिंतक और कवि थे। उनके निधन से देश ने एक महान नेता को खो दिया है। ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शांति दे। उधर मुम्बई से राजद विधायक भोला यादव ने बताया कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने श्री वाजपेयी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुये कहा कि वे भारतीय राजनीति के स्तम्भ और लोकप्रिय राजनेता थे। उनके निधन से वह मर्माहत और दुखी हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शांति दे।

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है। विपक्ष के भी कायल श्री वाजपेयी न केवल भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह थे बल्कि करिश्माई व्यक्ति भी थे। उनके निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई लंबे समय तक की नहीं जा सकती है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि श्री वाजपेयी के निधन से देश ने राजनीति के मजबूत स्तंभ, लेखक, विचारक और कवि को खो दिया है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद नित्यानंद राय ने कहा कि श्री वाजपेयी जी एक महान सर्वगुण संपन्न व्यक्ति थे और भारतीय राजनीति में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के वाहक रहे हैं। वहीं, सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सी. पी. ठाकुर ने कहा कि श्री वाजपेयी एक राजनेता के साथ-साथ एक महान कवि भी थे और वे कवि हृदय से ही देश की विकट समस्याओं का उसी उत्साह से सामना कर समाधन करते थे। वह हमेशा ही एक ऐसे नेता रहे जिन्हे न सिर्फ अपनी पार्टी में बल्कि विपक्षी दलों में भी सम्मान मिला। इसका एक उदाहरण वर्ष 1994 में देखने को मिला, जब विपक्ष में होने के बावजूद उन्हें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग भेजे गये प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया गया।
बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि श्री वाजपेयी का व्यक्तित्व बहुत बड़ा था और वह पार्टी लाइन से ऊपर उठकर देश के प्रति प्रतिबद्धता को महत्व देते थे। उनका धर्मनिरपेक्ष राजनीति पर पक्का यकीन था। उनके निधन से देश ने एक बड़ा उदारवादी, संविधान और लोकतंत्र में विश्वास करने वाला नेता खोया है। कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंन्द सिंह ने कहा कि वह भारतीय राजनीति के अजातशत्रु थे तथा उनकी लोकतंत्र, संविधान और धर्मनिरपेक्षता में गहरी आस्था थी। प्रधामनंत्री के तौर पर वह राजधर्म पालन करने के हिमायती थे।
जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक श्याम रजक ने कहा कि श्री वाजपेयी का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी कमी हर किसी को खलेगी। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
उद्योग एवं वाणिज्य संगठन बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पी. के. अग्रवाल ने राज्य के उद्यमियों एवं व्यवसायियों की ओर से शोक संवेदना प्रकट करते हुये कहा कि आज देश ने एक महान सपूत को खो दिया है। वह आज हमारे बीच में नहीं रहे लेकिन उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन हर भारतीय को हमेशा मिलता रहेगा।

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