रोस्टर क्लियरेंस में देरी से लटकी 46 हजार शिक्षकों की बहाली, पढ़ें पूरा मामला
पटना : बिहार में तमाम कवायद के बाद भी शिक्षकों की भारी कमी है। इसे लेकर सरकार ने बीपीएससी के जरिये करीब पौने 46 हजार शिक्षकों की बहाली का फैसला लिया था। इसके लिए सभी जिलों से शिक्षा विभाग ने आरक्षण रोस्टर क्लियरेंस मांगा जिसकी डेडलाइन पिछले माह अक्टूबर की 23 तारीख रखी गई थी। लेकिन डेडलाइन खत्म होने के 20 दिन बाद आज 13 नवंबर तक भी सभी जिलों से रोस्टर क्लियरेंस शिक्षा विभाग को नहीं मिला है। इस कारण बिहार में पौने 46 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का मामला लटका गया है। रोस्टर क्लियरेंस की देरी को लेकर युवा बेरोजगार काफी आक्रोशित हैं। वहीं स्कूलों में शिक्षकों की कमी से पठन—पाठन भी लगातार प्रभावित हो रहा है।
45, 852 शिक्षकों की BPSC से होगी नियुक्ति
मालूम हो कि सरकार ने दो माह पूर्व बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में पहली बार प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया था। इसके तहत नवस्थापित माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों में भी प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति होनी है। यह नियुक्ति बीपीएससी के माध्यम से लिखित परीक्षा के आधार पर होनी है। नियुक्त होने वाले प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक सीधे शिक्षा विभाग के अधीन होंगे।
अब तक सभी जिलों से नहीं मिला रोस्टर क्लियरेंस
हालांकि कई जिलों से शिक्षा विभाग को संबंधित पदों पर बहाली के लिए आरक्षण संबंधी रोस्टर क्लियरेंस की रिपोर्ट आ गई है, लेकिन अभी भी कई जिले ऐसे हैं जहां से रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि यही कारण है कि नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने में देरी हो रही है। सृजित पदों का सभी 38 जिलों के बीच बंटवारा करते हुए रोस्टर क्लियरेंस के निर्देश के साथ जिलों को भेजे गए थे। इसकी रिपोर्ट 23 अक्तूबर तक ही मांगी गयी थी। लेकिन, मियाद पूरी होने के बावजूद सभी जिलों ने रिपोर्ट नहीं भेजी। अब शिक्षा विभाग ने नए सिरे से जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को रोस्टर क्लियरेंस रिपोर्ट देने को कहा है।
इन जिलों में प्रधान शिक्षकों के इतने पद हैं रिक्त
अररिया में 1327, अरवल में 335, औरंगाबाद में 1093, बांका में 1220, बेगूसराय में 738, भागलपुर में 902, भोजपुर में 1139, बक्सर में 651, दरभंगा में 1424, पूर्वी चंपारण में 1914, गया में प्रधान शिक्षकों के 1697 पद रिक्त हैं। इसी प्रकार गोपालगंज में 1055, जमुई में 828, जहानाबाद में 547, कैमूर में 612, कटिहार में 1115, खगडिय़ा में 544, किशनगंज में 812, लखीसराय में 473, मधेपुरा में 810, मधुबनी में 1883, मुंगेर में 536, मुजफ्फरपुर में 1632, नालंदा में 1352, नवादा में 963, पटना में 1984, पूर्णिया में 1354, रोहतास में 1271, सहरसा में 754, समस्तीपुर में 1540, सारण में 1436, शेखपुरा में 247, शिवहर में 216, सीतामढ़ी में 1107, सिवान में 1209, सुपौल में 1047, वैशाली में 1112, पश्चिम चंपारण में 1639 पद रिक्त हैं।