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टीबी और अन्य जीवाणु जनित रोगों के उन्मूलन में माइक्रोबायोलॉजिस्टों की भूमिका अहम

पटना : भारत सरकार के केंद्रीय टीबी डिविजन द्वारा बिहार के सभी जीवाणु वैज्ञानिकों का एक वर्चुअल ट्रेनिंग कार्यक्रम आज गुरुवार को आयोजित किया गया। इसमें एनटीईपी बिहार के प्रशिक्षण इंचार्ज और टीबीडीसी पटना के मेडिकल आफिसर डॉ. रविशंकर की उल्लेखनीय भूमिका रही। टीबी और जीवाणु जनित अन्य घातक रोगों के उन्मूलन में माइक्रोबायोलॉजिस्टों की भूमिका को अति महत्वपूर्ण आंकते हुए वक्ताओं ने उनके पर्याप्त दक्ष होने की आवश्यकता पर बल दिया।

जीवाणु वैज्ञानिकों की वर्चुअल ट्रेनिंग कार्यशाला

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को भारत में टीबी तथा अन्य जीवाणु जनित रोगों के उन्मूलन की दिशा में हुए आधुनिक शोधो/अन्वेषणों से परिचित कराया गया। इसकी लक्ष्य प्राप्ति में आधुनिक शोध और वैज्ञानिक जांच को बेहद जरूरी बताते हुए पैथेलॉजी और लैब तकनीक की अनिवार्यता और उत्कृष्टता को सशक्त हथियार के तौर पर अपनाने की जरूरत है। इसके लिए लैब तकनीक और उसे अंजाम देने वाले दक्ष लोगों को समय—समय पर ट्रेनिंग से गुजरना आवश्यक है। ताकि वे काम को अंजाम देते समय पर्याप्त सावधानी और हर पहलू पर गहन जांच और शोध की विधि सहजता से अपनाएं।

भारत सरकार के टीबी डिविजन का आयोजन

करीब दो घंटे तक चले इस वर्चुअल प्रशिक्षण शिविर में माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में हुई नई खोजों की भी जानकारी प्रशिक्षुओं को दी गई। इस वर्चअल कार्यक्रम में बड़ी संख्या में माइक्रोबायोलॉजिस्ट तथा सीनियर LT IRL, CDST LAB Darbhanga, Bhagalpur, IGIMS, VIMS, Pawapuri आदि ने शिरकत की।