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रोज मर रहे लोग, पर सरकार क्यों नहीं मान रही डेंगू से मौत?

पटना : डेंगू के जानलेवा डंक से बिहार के लोग लगातार मारे जा रहे हैं। यदि बिहार से प्रकाशित विभिन्न अखबारों की पिछले 15 दिनों की रिपोर्टों को देखें तो पता चलता है कि अकेले पटना और भागलपुर में अब तक 25 से अधिक लोगों की मौत डेंगू से हो चुकी है। लेकिन आज भी सरकार का दावा है कि डेंगू से प्रदेश में एक भी मौत नहीं हुई है। आधिकारिक तौर पर सरकार यह मानने को तैयार नहीं कि लोग डेंगू से मारे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग डेंगू से मौत की पुष्टि करने से बच रहा है। हालात ठीक ‘चमकी’ वाले बन गए हैं। चमकी पर भी सरकार मौत के कारणों को डायग्नोसिस के मकड़जाल में उलझाती रही, और अब डेंगू पर भी कुछ ऐसी ही कारकंदगी सामने आ रही है।

दहशत के साये में जीने को मजबूर लोग

आमलोगों की बात करें तो उनके हिस्से में पहले जलजमाव, फिर सड़ांध वाली नरक और अब डेंगू की दहशत में रोज—रोज जीने और मरने की मजबूरी। बाबू, अफसरों और नेताओं ने तो पल्ला झाड़ने की कवायद शुरू कर दी लेकिन डेंगू है कि इतना सब होने के बाद भी मान नहीं रहा। इस महामारी ने अकेले पटना में पिछले साल का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जहां 2018 में डेंगू मरीजों की संख्या 1835 थी, वहीं इस बार अबतक मरीजों की संख्या बढ़कर ढाई हजार पहुंच चुकी है।

पटना और भागलपुर सर्वाधिक प्रभावित

सबसे ज्यादा मरीज पटना जिले में डेंगू के शिकार हुए जहां 2300 से अधिक मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। भागलपुर में 125 और नालंदा में भी 54 लोग डेंगू के शिकार हुए हैं। हैरानी की बात तो ये है कि अक्टूबर माह खत्म होने को है लेकिन एडिस मच्छर का प्रभाव कम नहीं हो रहा। पूरे सरकारी तंत्र को मच्छर चुनौती दे रहे हैं। फिर ये आंकड़े तो महज सरकारी अस्पतालों के हैं। प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती मरीजों को यदि इसमें जोड़ दिया जाए तो हालात भयावह दिखने लगेंगे। चाहे सरकारी अस्पताल हो या फिर निजी अस्पताल, एलोपैथ चिकित्सा हो या फिर आयुर्वेद पद्धति हर जगह डेंगू मरीज ही नजर आ रहे हैं।

राज्य में रोजाना मिल रहे 150 नए मरीज

राज्य में प्रतिदिन 100 से 150 नए मरीजों में डेंगू पुष्टि हो रही है और आंकड़ों में जरा भी गिरावट नहीं हो रही। सबसे ज्यादा मरीज पीएमसीएच में भर्ती हैं तो राज्य के सदर अस्पतालों और निजी अस्पतालों में भी डेंगू मरीजों से बेड फुल हैं। लोगों का कहना है कि अक्टूबर माह में डेंगू के प्रकोप में कमी इसलिए नहीं आ रही क्योंकि अभी भी कई जगहों पर जलजमाव और गंदगी की स्थिति बनी हुई है। पटना में राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, शिवपुरी, बोरिंग रोड, दीघा समेत कई इलाके प्रभावित हैं जहां जलजमाव के बाद लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।