पटना : आगामी विधानसभा चुनाव के बाद यदि राजद सत्ता में आया तो दारूबंदी को लेकर बिहार में जनमत संग्रह कराया जाएगा। वरिष्ठ नेता और राजद विधायक भाई विरेंद्र ने यह ऐलान करते हुए आज कहा कि राके के बावजूद राज्य में शराब की बिक्री हो रही है जिससे राजस्व का भारी नुक़सान हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब यह कानून लागू हो रहा था, तब हम भी उनके साथ थे। लेकिन सरकार शराब पर रोक तो लगा नहीं पाई, उल्टे राजस्व की हानि लगातार हो रही है।
भाई विरेंद्र ने आरोप लगाया कि दारूबंदी का ढकोसला एस खास वर्ग के लिए किया गया। इसलिए जब हमारी सरकार आएगी तो दारूबंदी एक्ट पर जनमत संग्रह करवाएगी। जो भी राय इसपर जनता की बनेगी उसके अनुसार फैसला लिया जाएगा।
राजद नेता के बयान पर पलटवार करते हुए नीतीश कैबिनेट में मंत्री श्याम रजक ने कहा कि भाई विरेंद्र को लालू—राबड़ी शासन के दौरान समाज में कटुता फैलाने, कई लोगों का शोषण और दोहन करवाने का भी जनमत संग्रह करवा लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के सीने पर बिहार के 12 करोड़ लोगों का ठप्पा पड़ गया है। अब फिर सत्ता में आने का यदि वे सपना देखना चाहें तो देखते रहें।
उधर दारूबंदी एक्ट पर पुनर्विचार की बात जीतन राम मांझी का पार्टी ने भी करते हुए राजद नेता के बयान का समर्थन किया है। विदित हो कि बिहार में शराबबंदी के बाद हर साल करीब 4000 करोड़ का नुकसान होने की बात कही जाती है। हालांकि इसकी भरपाई विभिन्न मदों में टैक्स की बढ़ोतरी कर की भी गई है।