लालू के वारिस तेज से भय खाते हैं राजद नेता, तेजस्वी ने भी साधी चुप्पी
पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव न सिर्फ पार्टी के नेता भय खाते हैं बल्कि उनके छोटे भाई और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी उन पर कुछ बोलने से बचते हुए नजर आते हैं। यही वजह है कि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को अपमानित करने वाले तेजप्रताप यादव के ऊपर तेजस्वी के तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है।
सिर्फ जातीय जनगणना से संबंधित सवाल पूछें
दरअसल, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राजद बिहार प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आप लोग सिर्फ जातीय जनगणना से संबंधित सवाल पूछें।यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इसी के लिए बुलाई गई है। शायद तेजस्वी यादव को अंदाजा था कि पत्रकारों द्वारा उनसे जगदानंद सिंह और तेजप्रताप को लेकर सवाल किया जा सकता है। इसलिए उन्होंने पहले ही सवाल न करने का फरमान जारी कर दिया। हालांकि पत्रकारों ने जातीय जनगणना को लेकर सवाल तो किया ही लेकिन लगे हाथ तेजप्रताप और जगदानंद सिंह को लेकर सवाल कर दिया। जिसके बाद तेजस्वी थोड़े असहज हो गए और इस पर चुप्पी साध ली।
जगदानंद और तेजप्रताप को लेकर किए गए सवालों से बचते नजर आए तेजस्वी
वहीं, इसके बाद दूसरे सवाल होते रहे लेकिन तेजस्वी प्रेस कॉन्फ्रेंस से निकल गए। उनके साथ साथ पार्टी के दूसरे नेता भी वहां से चलता हो लिए। तेजस्वी जानते थे कि बात जब जगदानंद सिंह की आई है तो तेज प्रताप यादव की टिप्पणी को लेकर भी उनसे सवाल किया जाएगा। इसके उन्होंने वहां से निकल लेना ही बेहतर समझा।
तेजप्रताप के गुस्से से भय खाता है राजद
वहीं, इस मामले को लेकर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लालू परिवार में हर कोई तेजप्रताप के गुस्से से भय खाता है, इसलिए उनके मामले में कोई भी कुछ बोलना नहीं चाहता है। इसके साथ ही तेजप्रताप अब तक जिस अंदाज में राजनीति करते हैं। उससे शायद तेजस्वी को भी डर लगता है। तेजस्वी इस आशंका से घिरे हुए हैं कि कहीं तेजप्रताप के ऊपर कोई टिप्पणी कर वह अपनी फजीहत ना करवा लें। यही वजह है कि उन्होंने तेजप्रताप के ऊपर कोई टिप्पणी नहीं करने में ही अपनी भलाई समझी है।
मान मनोबल का दौर जारी
वहीं, आलम यह है कि तेजप्रताप के डर से कोई भी राजद नेता जुबान खोलने को तैयार नहीं हैं। हालंकि जगदानंद सिंह के साथ भी अंदरूनी तरीके से मान मनोबल का दौर जारी है। लेकिन इस पर जगदानंद सिंह भी तेजप्रताप को माफ करने में मूड में नहीं दिख रहे हैं। बहरहाल, देखना यह है कि इस मसले को लेकर राजद सुप्रीमो क्या नया तरकीब निकालते हैं और अपने बेटे और दोस्त जगदानंद सिंह के बीच किस प्रकार सुलह करवाते हैं। क्योंकि इससे पहले भी पार्टी के 25 वें स्थापना दिवस समारोह के मौके पर तेजप्रताप यादव ने खुले मंच से जगदा बाबू पर तंज किया था। लेकिन इसके बावजूद उसी कार्यक्रम में लालू यादव ने तेजप्रताप की तारीफ कर दी थी। अब जिसके पीठ पर लालू यादव का हाथ हो उसके ऊपर कौन हाथ डाले।