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राजद का वारिस कौन? तेज—तेजस्वी और मीसा में बढ़ी दूरियां

पटना : चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो लालू यादव फिलहाल रांची के एक अस्पताल में ईलाजरत हैं। लेकिन लालू जहां रांची में अपनी बीमारी से जूझ रहे हैं, वहीं पटना में रह—रह कर उनके परिवार में उत्तराधिकार को लेकर पुत्र—पुत्रियों के बीच जंग की खबरें वायरल हो रही हैं। माना जा रहा कि तेज, तेजस्वी और मीसा भारती के बीच इस मुद्दे पर गहरे मतभेद हैं। यानी, लालू परिवार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा।

लालू से मिलने रांची गए पूर्व उपमुख्यमंत्री

पिछले दो हफ़्ते से लालू की तबीयत खराब होने के बावजूद न उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती और न ही बेटे तेजप्रताप या तेजस्वी उनका हाल—चाल लेने रांची गए। अब ताजा खबर है कि लालू को देखने—मिलने के लिए तेजस्वी यादव रांची रवाना हुए हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में 12 दिन बिताकर लौटे तेजस्वी काफी ढीले—ढाले दिख रहे। पटना आने के बाद उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से कोई मुलाक़ात नहीं की।

दिल्ली से लौटने के बाद तेजस्वी ने बनाई दूरी

तेजस्वी के नए रूख से लालू के पुराने वफ़ादार नेताओं को भी लगने लगा है कि सब कुछ सामान्य नहीं। तेजस्वी मीडिया से भी दूरी नहीं बनाते। लेकिन दिल्ली से पटना आने के बाद वो उनसे दूरी बनाये हुए हैं। इसके पीछे असल कारण तेज़ प्रताप यादव हैं जो पार्टी में अपनी भूमिका का रोना रोकर न केवल घर में बल्कि पार्टी में भी हलचल मचाए हुए हैं। तेज प्रताप चाहते हैं कि उनकी पूछ बढ़े और उनसे पूछे बिना पार्टी कोई निर्णय नहीं ले।

विवाद का कार्यकर्ताओं पर दिखने लगा असर

उधर राजद सूत्रों का मानना है कि जब लालू यादव ने खुद तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया तब तेज़प्रताप की मांग का कोई मतलब नहीं। तेज़ प्रताप यादव कब कहां किसकी फजीहत कर देंगे, कुछ कहा नहीं जा सकता, यह मानना राजद नेताओं का है। साफ है कि परिवार और भाइयों के बीच तनाव का असर न केवल राजद के कार्यक्रमों पर दिख रहा, बल्कि पार्टी भी खेमेबाजी का शिकार होने लगी है। पिछले दिनों भोला पासवान की जयंती पर पार्टी के तमाम नेताओं के गुहार के बावजूद दोनों भाई नदारद रहे। इसके अलावा सीपीआई माले की रैली में पूर्व सांसद आलोक मेहता को भेजा गया। जबकि आयोजकों को तेजस्वी यादव के आने का इंतज़ार था। हालांकि दोनों के बीच मतभेद की खबरों पर तेजस्वी ने साफ कहा था कि ऐसी कोई बात नहीं है। लेकिन उनके इस बयान के बाद भी कभी तेज प्रताप के तेवर नरम नहीं दिखाई दिए।