5 जगह माथा टेकने को विवश हैं राजद कार्यकर्ता
पटना : राजद को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि राजद की शुरुआत एक ‘परिवार’ की सत्तालोलुपता के कारण हुई थी और इसका अंत भी ‘परिवार के परिजनों’ की सत्तालोलुपता से ही होगा। लोग बताते हैं कि आज राजद का ‘सुल्तान’ बनने के लिए परिवार में घमासान मचा हुआ है, जिसे ढांपते-ढांपते इनके नेता अब ‘हांफने और कांपने’ दोनों लगे हैं. हालात यह है कि आज परिवार के कारण राजद में 5 अलग-अलग गुट बने हुए हैं, जहां हर किसी को माथा टेकना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि परिवार के हर गुट के अपने चापलूस और दुश्मन हैं, जो अपने-अपने नेताओं की पैरोकारी करते रहते हैं। आज इन सबके बीच पार्टी पर कब्जे के लिए महायुद्ध छिड़ा हुआ है, जिसमें इनके आम कार्यकर्ता और नेतागण पीसे चले जा रहे हैं।
डॉ जायसवाल ने कहा कि परिवार के इन 5 ध्रुवों के बीच चल रहे संग्राम में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सबसे अधिक दुर्गति हो रही है। उनके लिए अपना सम्मान बचाना मुश्किल हो रहा है। हर किसी को डर लगा रहता है कि न जाने कब उन्हें ‘एक लोटा पानी’ बता दिया जाएगा। वहीं, इनके आम कार्यकर्ता हर समय ‘पीट’ दिए जाने या सरेआम ‘बेइज्जत’ किए जाने के डर से भयभीत रहते हैं. एक के पास जाने से दूसरे गुट की आंखों पर चढ़ जाने की चिंता इन्हें हरदम खाए रहती है. इसीलिए इन्हें आज ‘पांचों’ जगह शीश नवाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब है जब यह सत्ता में नहीं है। यदि गलती से भी यह सत्ता में आ गये हैं तो इनके बाहुबलियों व भ्रष्टाचारियों को 5 जगह ‘चढ़ावा’ देना पड़ेगा। इससे साफ़ है कि इनके सत्ता में आने से अपराध और भ्रष्टाचार भी इनके पूर्व के ‘आतंकराज’ की तुलना में 5 गुणा बढ़ जाएगा। तय है कि तब राज्य में विकासराज की जगह भ्रष्टाचार राज कायम हो जाएगा और राज्य में ‘भय और आतंक’ के एक नए युग की शुरुआत होगी।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि परिवार के लिए पार्टी की बलि चढ़ाने की ऐसी जिद और अपने स्वार्थ के लिए कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान और भविष्य की आहुति मांगने वाला परिवारवाद राजद में ही संभव है। परिवार के कारनामों को देखते हुए इनका हश्र कांग्रेस से भी बदतर होना तय है।