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विस अध्यक्ष और CM की बहसवाजी पर राजद और कांग्रेस का हमला, JDU ने दी सफाई

पटना : सोमवार का दिन बिहार विधानसभा के 100 साल में सबसे काला दिन होगा। 14 मार्च 2022 इतिहास में काले दिन के तौर पर दर्ज हो गया है। जिस तरह से आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के साथ बर्ताव किया है। उससे यह साफ हो गया कि अब बिहार सदन के अंदर स्पीकर को भी हड़काया जा सकता है और लोकतंत्र को जानने वाले कुछ नहीं बोलेंगे।

दरअसल, बिहार विधानसभा में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधानसभा के सर्वोच्च आसन पर बैठे विजय कुमार सिन्हा को कहा गया कि हमें आपका निर्देश मंजूर नहीं है, आप कौन हैं जो सरकार को कह रहे हैं कि उसमें सही जवाब नहीं दिया ऐसे सदर नहीं चलेगा। ये पूरा मामला सिर्फ इसलिए हुआ विधानसभा अध्यक्ष से लेकर पक्ष और विपक्ष के ज्यादातर विधायकों के हंगामे के बावजूद सरकार एक दरोगा और डीएसपी पर करवाई करने को तैयार नहीं है।इसी का मामला आज जब सदन में उठाया गया तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुस्सा हो गए और विधानसभा अध्यक्ष को ही हड़काने लगे। हालांकि, मुख्यमंत्री के इस बर्ताव पर सदन के बाहर जदयू सफाई की मुद्रा में नजर आ रही है।

इसमें कोई खास बात नहीं

बिहार सरकार में मंत्री और जदयू नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सदन के अंदर जो कुछ हुआ वह नियमों को लेकर एक तर्क भर था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन की नियमावली का हवाला देते हुए अध्यक्ष के सामने अपनी बात रखी थी। इसमें कोई खास बात नहीं है।

उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के बीच हुए प्रकरण को लेकर कांग्रेस ने एनडीए पर तंज कसा है। कांग्रेसी विधायक शकील अहमद खान ने कहा है कि एनडीए में तालमेल खत्म हो चुका है और दोनों दल एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। सत्ता पक्ष के अंदर तालमेल की भारी कमी है और यह बात अब सदन में भी दिखने लगी है।

वहीं, राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सठिया गए हैं बिहार के मुख्यमंत्री ,जिस तरह वह आसन को निर्देश दे रहे थे, यह संविधान की मर्यादा के खिलाफ है। वह मांग कर सकते हैं। लेकिन आदेश नहीं दे सकते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री ने यह बता दिया कि बिहार में महाजंगलराज है। जब आसन का सम्मान नहीं कर सकते है, तो सरकार बताए वह किसका सम्मान करेगी।