दिल्ली : दिल्ली के रानी झांसी रोड के निकट अनाज मंडी में 8 दिसंबर की सुबह भीषण आग लगने से 45 लोगों की मौत हो गई। जबकि 50 के करीब लोग गंभीर रूप से घायल हैं। जितने लोगों की मौत हुई है उनमें ज्यादातर मजदूर थे और अधिकांश बिहार के हैं। बताया जाता है कि जितने लोग इस हादसे के शिकार हुए हैं वे फैक्ट्री में काम करते थे और वहीं सोते थे। रविवार की सुबह मजदूर सोए हुए थे, उसी समय शार्ट सर्किट हुआ और भागने की कोशिश में भगदड़ हुई और उनकी मौत हो गई।
इस हादसे के बाद दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने मृतक के परिजनों को 10-10 लाख, पीएम राहत कोष से 2-2 लाख, बिहार सरकार के तरफ से 2- 2 लाख तथा घायलों के लिए 50- 50 हजार मदद की घोषणा की है।
जिम्मेदार कौन ?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे में सवाल उठता है कि इस मामले का दोषी कौन? नियम के मुताबिक रिहायशी इलाके में फैक्ट्री नहीं लग सकती है। लेकिन, फैक्ट्री रिहायशी इलाके में थी, तो इसकी इजाज़त कहां से मिली? क्या पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं थी कि यहां फैक्ट्री चलती है और इतनी बड़ी संख्या में मजदूर काम करते हैं। क्या दिल्ली पुलिस इस मामले में ज़िम्मेदार नहीं है? या फिर दिल्ली सरकार ? हालांकि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि मामले की मजिस्ट्रियल जांच होगी उसके बाद स्थिति स्पष्ट होगी।