पटना : महागठबंधन के बागी नेता चुनाव नतीजे आते ही महागठबंधन के कई दिग्गज नेता अपनी डफली लेकर अलग मलार गाएंगे। इसकी पृष्ठभूमि इसी संसदीय चुनाव में बन गयी है। जीन वैसे नेताओं के धरातल पर आए हैं, जिन्होंने पार्टी को अपनी सोच से उर्वर कर एक उंॅचाई दी, वही अलग पार्टी बनाकर राजनीति करने की योजना बना रहे हैं। इससे महागठबंधन को 2020 में होने वाले विधानसभा के चुनाव में झटका लग सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार, वाल्मीकिनगर से कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर नाराज पूर्व सांसद व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णमासी राम ने अलग पार्टी बनाने की ठान ली है। उन्हें पार्टी ने आश्वस्त किया था कि टिकट उनको ही मिलेगा। कांग्रेस आलाकमान द्वारा भेजी गयी रिसर्च टीम ने भी उनके नाम पर मुहर लगाते हुए यहां तक रिपोर्ट दी कि अगर पार्टी ने उन्हें टिकट दिया तो वे जीत के करीब हो सकते हैं। कारण- मोदी लहर में भी उन्होंने ढाई लाख मत लाकर दूसरे नम्बर पर थे।
इस बीच वाल्मीकिनगर से भाजपा के सतीश चन्द्र दुबे का टिकट कटते ही ब्राहा्रणों में एक आक्रोश उभरा और राज्य कांग्रेस से गयी रिपोर्ट भेजी गयी कि ब्राहा्रणों के आक्रोश को कोई इसी जाति का नेता कैश करवा सकता है। ऐसी स्थिति में शारस्वत केदार को टिकट दे दिया गया। शारस्वत पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडेय के प्र्रपौत्र और सासंद मनोज पांडेय के पुत्र हैं। उनके टिकट की घाोषणा होते कांग्रेस का एक धड़ा वहां निष्क्रिय होकर आरोप लगाना शुरू कर दिया कि वाल्मीकिनगर जैसे पिछड़े क्षेत्र में पैराशुट प्रत्याशी की जरूरत नहीं। पूर्णमासी राम का पूरा परिवार ही राजनीति करता है। उनके सगे भाई राजेश राम कांग्रेस से विधान पार्षद हैं और स्थानीय नगर निकाय के चेयरमैन।
बहरहाल, इस संबंध में पूछने पर गोपालगंज से पूर्व सांसद रहे पूर्णमासी राम ने बताया कि पार्टी ने उनकी उपेक्षा की है। उनके स्वाभिमान पर हमला हुआ है। उनका स्पष्ट मानना है कि पार्टी के स्टेट कमिटी ने उनके साथ नाइंसाफी करते हुए किसी ने जाति को महत्व दिया तो किसी ने अपने पुत्र को। उनका इशारा मदन मोहन झा और सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह की ओर था।
वैसे, इतना माना जा रहा है कि अलग पार्टी बनते पूर्णमासी राम चम्पारण व गोपालगंज के करीब 30 विधान सभा क्षेत्रों को प्रभावित कर सकते हैं क्योंकि उनकी पैठ दलितों में तो है ही उॅंची जातियों में भी है।
दरभंगा में फातमी व शकील अहमद की मंत्रणा
उधर, दरभंगा से राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री एमएए फातमी पार्टी से खासा नाराज हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि लालू प्रसाद ने उन्हें चुनाव की तैयारी शुरू करने को कहा कहा था। उनके निर्देश के अनुसार उन्होंने पार्टी में तैयारी भी शुरू कर दी। क्षेत्र का भ्रमण व सभाएं भी आयोजित करने लगे। पर, ऐन मौके पर उन्हें झटका लगा जब उन्हें टिकट से इंकार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि उससे अधिक दुख उन्हें तक पहुंचा जब तेजस्वी प्रसाद यादव ने अर्मायदित भाषा का प्रयोग करते हुए टिकट देने से साफ मना कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार फातमी और कांग्रेस के पूर्व मंत्री शकील अहमद ने हाल ही में अलग पार्टी बनाने की योजना बनायी है। उस पार्टी में पूर्णमासी राम को भी जोड़ने की बात चल रही है। अगर ऐसा हुआ तो आगामी विधान सभा चुनाव का परिदृश्य बदल सकता है।
(संजय उपाध्याय)