नयी दिल्ली : सीडीएस विपिन रावत का हेलीकाप्टर आज तामिलनाडु के कुन्नूर में घने जंगलों के बीच क्रैश हो गया। इसमें सीडीएस रावत और उनकी पत्नी समेत 14 लोग सवार थे। अभी तक कुल 11 लोगों के शव मिल गए हैं और तीन लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सीडीएस को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। इसबीच हादसे की खबर लगते ही आम अवाम में उनकी बहादुरी को लेकर चर्चा शुरू हो गई। सीडीएस रावत को सर्जिकल स्ट्राइक और काउंटर इंसर्जेंसी का एक्सपर्ट माना जाता है।
हाई आल्टीट्यूड पर लड़ाई में महारत
विपिन रावत को उंचाई पर युद्ध लड़ने में महारत हासिल है। इसके साथ ही उन्हें काउंटर इंसर्जेंसी का भी एक्सपर्ट माना जाता है। उन्हें सेना की 38 वर्षों की एक्टिव सेवा से रिटायर होने के बाद 2019 में देश का पहला चीफ आफ डिफेंस स्टाफ बनाया गया। इससे पूर्व वे 2016 में भारत के आर्मी चीफ बनाए गए थे।
वर्मा सीमा पर पहली सर्जिकल स्ट्राइक
हिमालय राज्य उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले सीडीएस विपिन रावत पहली बार चर्चा में तब आये जब उनके नेतृत्व में भारतीय सेना नेे वर्मा में उत्तर—पूर्व के आतंकियों पर उनकी टेरिटरी में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। इस सफल आपरेशन के बाद नार्थ ईस्ट के चरमपंथियों की कमर टूट गई थी।
पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक—2
जनरल रावत का सबसे हैरतअंगेज कारनामा उड़ी में पाक आतंकियों के हमले के बाद बदला लेने के लिए पाकिस्तान में घुसकर टेरेरिस्ट कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देना था। इस आपरेशन के लिए उन्होंने ट्रेंड पैरा कमांडो को पाकिस्तान भेजा और आतंकी कैंपों पर सफल आपरेशन को अंजाम दिया। इसी के बाद से पाकिस्तान में ऐसा खौफ पसरा कि वहां आज भी सीडीएस रावत के नाम से उनकी घिग्गी बंध जाती है।
चीन सीमा पर कुशल रणनीति
यही नहीं, जब चीन ने एलएसी पर अपनी गतिविधियां तेज की तो उस सीमा की सुरक्षा के लिए भी सीडीएस सक्रिय रहे। उंचाई पर य़ुद्ध के महारथी रावत ने ऐसी किलेबंदी की कि ड्रैगन भी थथम गया। सीडीएस के तौर पर उन्होंने पाकिस्ता और चीन, दोनों ही सीमाओं पर मेकानाइज्ड वारफेयर के साथ—साथ वायुसेना और नेवी से बेजोड़ तालमेल कायम किया।