राष्ट्रीय डाल्फिन शोध संस्थान का शिलान्यास अक्तूबर में : उपमुख्यमंत्री
पटना : बिहार विधान परिषद में विभागवार बजट पर चर्चा के बाद पर्यावरण, वन एंव जलवायु परिर्वतन विभाग के मंत्री के तौर पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, वायु प्रदूषण व अवशिष्ट प्रबंधन को राज्य सरकार ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल अक्तूबर में विश्व डाॅल्फिन डे के अवसर पर पटना विवि परिसर में 19.16 करोड़ की लागत से ‘राष्ट्रीय डाॅल्फिन शोध संस्थान’ की स्थापना की जायेगी। हाल में कराए गए एक सर्वेक्षण में गंगा, गंडक, कोसी और महानन्दा में 1548 गांगेय डाॅल्फिन (सोंस) पाए गए हैं। 2010 में ही डाॅल्फिन को राष्ट्रीय जलजीव घोषित किया जा चुका है।
सुल्तानगंज-कहलगांव के बीच गंगा नदी क्षेत्र में विक्रमशिला डाॅल्फिन आश्रयणी बनाया जा रहा है। सुल्तानगंज-अगुवानी घाट पुल के बीच आब्जर्वेटरी के माध्यम से दर्शक डाॅल्फिन के उछल-कूद को देख सकेंगे।
भागलपुर व भीमबांध
कछुआ व लुप्तप्राय गुरूड़ पक्षी के संरक्षण का प्रयास किया जा रहा है। पूर्वी भारत का एकमात्र कछुआ संरक्षण एवं पुनर्वास केन्द्र भागलपुर के सुंदरवन में स्थापित करने के साथ ही भागलपुर के ही कदवा दियारा व जगतपुरा झील के पास गरूड़ बचाव एवं पुनर्वास केन्द्र बनाए जायेंगे।
भीमबांध में 8.90 करोड़ की लागत से गर्मजल कुंड का पुनर्निर्माण कराया गया है जहां एक साथ 500 लोग स्नान कर सकते हैं। 2018-19 में 47,543 दर्शक वहां गए हैं। वाल्मीकि व्याध्र अभयारण्य में विगत 2017-18 के 10,467 की तुलना में 2018-19 में 4 गुना अधिक पर्यटक 46,424 आए।
राजगीर में जू सफारी
राजगीर के स्वर्णगिरि व वैभवगिरि पर्वत के बीच 480 एकड़ भूमि पर जू सफारी का निर्माण किया जा रहा है जहां लोग खुले में बाध,शेर, भालू व चीता को देख सकेंगे। इस साल अक्तूबर में जू सफारी के एक हिस्से का शुभारंभ किया जायेगा। इसके अलावा 19.29 करोड़ की लागत से राजगीर में नेचर सफारी का निर्माण भी किया जा रहा है।
अररिया में बाये डायवर्सिटी पार्क
अररिया के कुसियार में 10 एकड़ में बायो डायवर्सिटी पार्क का निर्माण कराया गया है जहां 450 विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। बड़ी संख्या में यहा पर्यटक आ रहे हैं।
पटना चीड़ियाखाना में 3डी थियेटर
पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में 3 डी थियेटर का निर्माण कराया गया है। 2017-18में जैविक उद्यान में 22.64 लाख दर्शकों ने यहां परिभ्रमण किया जबकि 2018-19 में उनकी संख्या 24.39 लाख रही जबकि बर्ड फ्लू की वजह से दो महीने तक उद्यान बंद रहा। राजधानी वाटिका भाग 1 से 3 तक में 2018-19 में 15.65 लाख दर्शक आए जिनसे 3.18 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। पटना के अन्य 5 पार्कों में 30.13 लाख दर्शक आए और उनसे 4.05 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ।
मुंगेर में वानिकी महाविद्यालय
मुंगेर में 105.04 करोड़ की लागत से वानिकी महाविद्यालय की स्थापना की जा रही है जहां फाॅरेस्ट्री की पढ़ाई की जायेगी। बिहार कृषि महाविद्यालय, सबौर से इसके लिए 105 एकड़ भूमि ली गयी है।
कृषि वानिकी के तहत 2012-13 से 2018-19 केबीच 40,628 किसानों ने 3 करोड़ 20 लाख पाॅपुलर तथा 66,200 किसानों द्वारा 5 करोड़ 26 लाख अन्य प्रजाति का रोपण निजी जमीन पर किया गया। सरकार बांस की खेती को प्रमोट कर रही है। भागलपुर के टी एन बी काॅलेज परिसर और बीएसएस काॅलेज, सुपौल में किसानों के बीच मुफ्त वितरण के लिए बांस के एक लाख टिश्यू कल्चर तैयार किया गया है।
अगस्त में वन महोत्सव
01 से 15 अगस्त के बीच पूरे प्रदेश में वन महोत्सव का आयोजन कर वन विभाग की ओर से 1 करोड़ व मनरेगा के तहत 50 लाख पौधारोपण किया जायेगा। शहरी क्षेत्र में गैबियन के बीच 2 साल पुराना व 4 फीट लम्बा पौधा लगाया जायेगा। इस अभियान से स्कूल-काॅलेज, संस्थाओं व विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों को जोड़ा जायेगा। एक साथ कम से कम 25 पौधा का रोपण करने वालों को मु्फ्त व अन्य को मामूली शुल्क लेकर पौधा उपलब्ध कराया जायेगा।
पटना मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण
पटना, मुजफ्फरपुर और गया के वायु प्रदूषण को सरकार ने चुनौती के रूप में लिया है। जाड़े के 4-5 महीनों में पीएम 2.5 के घूलकण के कारण वायुप्रदूषण बढ़ जाता है। इसके अनेक कारणें में वाहनों से होने वाला उत्सर्जन, बिना ढके निर्माण सामग्री का परिवहन, ईंट-भट्ठा से निकलने वाले धुंए और फसल अवशेष का जलाना आदि है। प्लास्टिक, बायोमेडिकल व इलेक्ट्राॅनिक वेस्ट के प्रबंधन की भी जरूरत है।