पटना : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जुलाई को 21वीं सदी की पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्कूली और उच्च शिक्षा दोनों क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सुधार के रास्ते खुल गए हैं। यह शिक्षा नीति 34 साल पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 की जगह लेगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में वेबिनार का आयोजन कर इसके विभिन्न बिंदुओं को समझा जा रहा है और लोगों को रूबरी कराया जा रहा है। इससे क्रम में बिहार यंग थिंकर्स फोरम के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति और बिहार विषय पर वेब गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस परिचर्चा में प्रोफेसर मनीषा प्रियम के अलावा प्रोफेसर मकरंद परांजपे और ऑर्गनाइजर साप्ताहिक के संपादक श्री प्रफुला केतकर उपस्थित रहेंगे।
नई शिक्षा नीति प्रगतिशील, समृद्ध, सृजनशील एवं नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण ऐसे नए भारत की कल्पना करती है जो अपने गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने का स्वप्न दिखाती है। अभी तक चल रही शिक्षा नीति 1986 में लागू हुई और 1992 में संशोधित हुई लेकिन 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए लगातार अक्षम साबित हो रही थी। इसीलिए रट्टू तोता बनकर ज्ञानार्जन करने की जगह नई शिक्षा नीति में सीखने पर जोर दिया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों को समझने के लिए आप भी 4 सितम्बर को शाम 4 बजे htpp:// educationnewsnet. लिंक पर पंजीयन कर के कार्यक्रम में भाग ले सकते है।