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राज्यपाल बोले, नशामुक्ति व शिक्षा से दलित—पिछड़ों का होगा विकास

पटना : भारत की आजादी की लड़ाई में समाज के वंचित, अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़े-अतिपिछड़े, गरीबों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग आदि का भी अत्यन्त महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उक्त उद्गार राज्यपाल फागू चैहान ने नोनिया-बिन्द-बेलदार महासंघ, बिहार प्रदेश के तत्वावधान में स्थानीय बापू सभागार में आयोजित ‘सामाजिक समरसता संगोष्ठी एवं अभिनन्दन समारोह’ को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। राज्यपाल ने कहा कि अतिपिछड़े-पिछड़े, अनुसूचित जाति/जनजाति तथा गरीब-वंचित वर्ग के सदस्यों में शिक्षा की कमी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए शिक्षा सबसे जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि कमजोर, अभिवंचित तथा पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों के लोग नशा-सेवन, बाल विवाह, दहेजप्रथा आदि सामाजिक समस्याओं से निजात पाकर तथा पारस्परिक एकजुटता बनाये रखकर अपना तेजी से सामाजिक-आर्थिक विकास कर सकते हैं।

राज्यपाल ने पश्चिम चंपारण जिलावासी महान स्वतंत्रता सेनानी स्व॰ मुकुटधारी प्रसाद चैहान, स्व॰ हरिहर महतो तथा बेगूसराय निवासी स्व॰ बुद्धू नोनिया आदि का स्मरण करते हुए कहा कि 1917 ई॰ के ‘चम्पारण सत्याग्रह आन्दोलन’ के दौरान जब मोहनदास करमचन्द गाँधी बेतिया आए थे; तब भितिहरवा में अपनी जमीन देकर अमर स्वतंत्रता-सेनानी स्व॰ मुकुटधारी प्रसाद चैहान ने ही ‘भितिहरवा आश्रम’ की स्थापना करायी थी और पं॰ राजकुमार शुक्ल के साथ मिलकर उन्हें ‘महात्मा’ कहकर संबोधित किया था। राज्यपाल ने कहा कि इसी नाम को बाद में विश्वव्यापी ख्याति मिल गई और मोहनदास करमचन्द गाँधी ‘महात्मा गाँधी’ के नाम से विख्यात हो गए। राज्यपाल ने पूर्व राष्ट्रपति डाॅ॰ एपीजे अब्दुल कलाम को उद्धृत करते हुए कहा कि ‘‘सपने दो तरह के होते हैं। एक वो जो सोये में हम देखते हैं और दूसरे वो जो हमें सोने ही नहीं देते।’’

भाजपा के रहते कोई आरक्षण खत्म नहीं कर सकता : सुशील मोदी

नोनिया, बिंद, बेलदार महासंघ की ओर से बापू भवन सभागार में आयोजित ‘सामाजिक समरसता संगोष्ठी सह अभिनन्दन समारोह’ को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि भाजपा और नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते इस देश में कोई ‘माई का लाल’ नहीं है जो अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ों के आरक्षण को खत्म या कम कर दें। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को तोड़-मरोड़ कर कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं। नरेन्द्र मोदी ने तो गरीब सवर्णों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण देकर मिसाल कायम किया।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पहली बार 7 महिलाओं को राज्यपाल बनाया, साथ ही श्री फागू चैहान समेत 9 नवनियुक्त राज्यपाल पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति व जनजाति समाज से हैं। वहीं दलित समाज से आने वाले बिहार के पूर्व राज्यपाल को देश के सर्वोच्च पद बैठा कर दलित समाज को सम्मान दिया। एक गरीब के बेटा को जब मौका मिला तो उसने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का अपना वायदा पूरा किया।

मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर से एक झटके में धारा- 370 खत्म करके वहां अनुसूचि जाति, जनजाति पिछड़े व अतिपिछड़े समाज को आरक्षण के लाभ का हकदार बना दिया। इसीलिए बसपा प्रमुख मायावती ने भी सरकार के इस कदम का समर्थन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि जिस नोनिया, बिंद और बेलदार समाज को कांग्रेस ने सत्ता में हिस्सेदारी और सम्मान से वर्षों तक वंचित रखा, उस वंचित समाज के फागू चैहान को बिहार का राज्यपाल बनाकर उन्होंने इतिहास रच दिया है।

कार्यक्रम में राज्यपाल को भूटान, नेपाल, सिक्किम, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड आदि विभिन्न राज्यों तथा बिहार के सभी जिलों से आये ‘नोनिया-बिन्द-बेलदार महासंघ’ के हजारों पदाधिकारियांे-प्रतिनिधियों, सदस्यों आदि ने पुष्प-गुच्छ, स्मृति-चिह्न एवं अंगवस्त्रम समर्पित कर उनका अभिवादन किया।

कार्यक्रम में पूर्व मंत्री रेणु देवी, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष डाॅ॰ भारती मेहता, गणेश भारती, संत पुरूषोत्मानंद जी, जयनाथ चैहान, ओमप्रकाश चैहान, अरूण बिन्द, संतोष महतो, जी॰के॰ गिरिश सहित संस्था के अनेक पदाधिकारियों-प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्य क्रम में विधायक संजीव चैरसिया सहित कई जन-प्रतिनिधि, विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक संगठनों के पदाधिकारी-प्रतिनिधि आदि भी उपस्थित थे।